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पटना। जिला शिक्षा कार्यालयों की झूठी रिपोर्ट की पोल खुली है । इसे शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है । इस बाबत क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को हिदायत दी गयी है। दरअसल, शिक्षा विभाग ने पेंशन एवं सेवांत लाभ से जुड़े तमाम मामलों को निपटाने के साथ इसे शून्य करने का निर्देश दिया।
क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को दिया था। इस बाबत रिपोर्ट मांगी थी। पूर्णिया एवं तिरहुत प्रमंडल द्वारा शिक्षा विभाग को भेजी गयी रिपोर्ट में दावा किया गया। जिसमें पेंशन एवं सेवांत लाभ से जुड़े एक भी मामले लंबित नहीं हैं। लेकिन, बाद शिक्षा विभाग के समक्ष यह तथ्य उजागर हुआ कि उन दोनों प्रमंडलों में भी सेवांत लाभ से जुड़े मामले लंबित हैं ।
शिक्षा विभाग ने मकर संक्रांति समाप्त होते ही अपने पदाधिकारियों को बदल कर नियमों को बदला।
इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने पेंशन एवं सेवांत लाभ से जुड़े तमाम मामलों को निपटाने के साथ इसे शून्य करने तथा रिपोर्ट भेजने के पहले उसकी शुद्धता की जांच करने का निर्देश देते हुए क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) से कहा है। कि गलत रिपोर्ट के लिए जिम्मेवारी तय करते हुए काररवाई की जायेगी।
आखिरकार सरकार एवं विभाग ने मान ही लिया कि सरकारी विद्यालय नियोजित शिक्षकों से ही चल रही है।
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फरवरी में खुल जायेंगे आंगनबाड़ी केंद्र
पटना। आंगनबाड़ी केंद्रों को फरवरी प्रथम सप्ताह से कोरोना गाइडलाइन के तहत खोलने की तैयारी समाज कल्याण विभाग ने पूरी कर ली है.अधिकारियों के मुताबिक कोरोना के कारण आंगनबाड़ी केंद्र 13 मार्च से बंद हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे स्कूल खुलने और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के बाद विभागीय स्तर पर तैयारी कर ली गयी है.जनवरी अंत तक दोबारा से सभी सीडीपीओ और एलएस के साथ ऑनलाइन बैठक होगी।
जिसमें गाइडलाइन की पूरी जानकारी दी जायेगी.इसके बाद सेविका-सहायिका की दो दिनों तक ट्रेनिंग होगी. साथ ही, बच्चों के अभिभावकों से भी फीडबैक लेने का निर्देश दिया गया कि वह अपने बच्चों को किस तरह से केंद्रों पर भेजेंगे।