.jpg)
पटना। पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों ने वार्षिक वेतनवृद्धि जुलाई के बदले जनवरी से दिये जाने के आदेश पर आपत्ति जतायी है । परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश कार्यकारी संयोजक नवनीत कुमार एवं प्रदेश संगठन महामंत्री शिशिर कुमार पाण्डेय ने कहा है कि इससे उन शिक्षकों को घाटा होगा, जिन्हें जुलाई में वेतनवृद्धि देय थी। संगठन ने वेतन निर्धारण के लिए ऑनलाइन कैलकुलेटर बनाये जाने पर भजी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि इससे वेतन निर्धारण में अनावश्यक विलंब होगा।
औसतन चार हजार रुपये बढ़ जाएगा साढ़े तीन लाख शिक्षकों का वेतन
पटना : राज्य सरकार द्वारा मूल वेतन में 15 प्रतिशत राशि की वृद्धि से जिन साढ़े तीन लाख शिक्षकों को लाभ मिलेगा, उनके वेतन में औसतन चार हजार रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी। शिक्षा विभाग के स्तर से बढ़े हुए वेतन की राशि के साथ शिक्षकों को जनवरी में भुगतान की तैयारी हो रही है।
शिक्षा विभाग के वित्त मामलों के एक अधिकारी ने बताया कि पे-मैट्रिक्स में वेतन निर्धारण में यदि किसी शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष का मूल वेतन अपने से कनीय शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष से कम निर्धारित हो, तो उनका मूल वेतन कनीय शिक्षक के मूल वेतन के अनुरूप निर्धारित किया जाना है। वेतन निर्धारण के लिए आनलाइन कैलकुलेटर तैयार किया जा रहा है, लेकिन मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि से भत्तों के साथ शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों का वेतन औतसन चार हजार रुपये प्रतिमाह बढ़ जाएगा। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग के परामर्श के बाद एक अप्रैल, 2021 से बढ़े वेतन के भुगतान के लिए शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी किया है। इसके लिए पे-मैट्रिक्स भी जारी हुई है। पे-मैट्रिक्स में पूर्व से प्राप्त मूल वेतन में 1.15 से गुणा कर जो राशि आएगी, उसे पे मैट्रिक्स के सापेक्ष अथवा ठीक उपर के लेबल के अनुसार निर्धारित करते हुए एक अप्रैल, 2021 से वित्तीय लाभ अनुमान्य किया जाना है। भत्तों का भुगतान पूर्व की भांति ही होना है। जिन शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन का निर्धारण होना है, उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ एक जनवरी, 2022 से देय होगा। यहां बता दें कि एक अप्रैल-2021 से मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला कैबिनेट ने लिया था।