
प्रा. वि. शिक्षक ट्रांसफर एवं प्रोन्नति 2018 में संशोधन जल्द
इस साल राज्य में नियोजित शिक्षकों का अंतर जिला में नियोजित शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण होगा. इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा बिहार राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं प्रोन्नति नियमावली, 2018 में संशोधन का कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा. संशोधित नियमावली के तहत शिक्षकों की मूल कोटि, स्नातक कोटि एवं प्रधानाध्यापक कोटि के शिक्षकों का भी अंतर जिला स्थानांतरण होगा. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के कार्यालय की ओर से इसकी जानकारी दी गई. जल्द ही नियमावली प्रकाशित किया जाएगा
और इसके बाद अंतर जिला स्थानांतरण से संबंधित आवेदन प्रधानाध्यापक कोटि के शिक्षकों के भी लिए जाएंगे.
वरीयता का भी ध्यान
नियमावली में संशोधन के क्रम में यह ध्यान रखा गया है कि अंतर जिला स्थानांतरण के फलस्वरूप स्थानांतरित शिक्षक की वरीयता नए जिला संवर्ग में उनकी नियुक्ति वर्ष में नियुक्त शिक्षकों से नीचे होगी. पूर्व में नियमावली के तहत केवल मूल कोटि के शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा उपलब्ध थी. शिक्षक संगठनों तथा कई जनप्रतिनिधियों द्वारा शिक्षा मंत्री के संज्ञान में यह बात लाई गई थी.
1)शिक्षकों की वरीयता व प्रोन्नति में कई पेच
2)अलग-अलग नियमावली से वरीयता का उलझ गया है मामला
3) सात नियमावली अब तक है शिक्षकों की, सुलझाना चुनौती भरा
रघुनाथपुर। जिले के वरीय और कनीय शिक्षकों के मामले में पेंच को सुलझा पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। अब तक सरकार द्वारा शिक्षक नियोजन एवं सेवाशर्त की 7 बार नियमावली बनाई और बदली गई है। इससे समस्या गम्भीर होती गई है। बिहार सरकार ने 2003 और 2005 में शिक्षा मित्रों की बहाली को लेकर नियमावली बनाई थी। फिर 2006 में पंचायत और प्रखंड शिक्षक नियोजन नियमावली बनाई। इसके 2 साल बाद ही 2008 में नई नियमावली बना दी गई।
फिर, 2012 और 2015 में संशोधित नियमावली एवं सेवाशर्त बनाई गई। 2020 में फिर नई नियमावली बनी। इससे शिक्षकों की वरीयता, वेतन निर्धारण व प्रोन्नति का मामला उलझ गया। इससे शिक्षकों की परेशानी दूर होने के बजाय उलझ गए। हाल के दिनों में स्कूल के प्रभार को लेकर उपजे विवाद ने शिक्षकों को टेंशन में कर दिया है। इसमें कुछ शिक्षकों ने तो प्रभार लेने में दिलचस्पी दिखाई है, अधिकतर ने प्रभार लेने से ही इंकार कर दिया है। अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के प्रभार को लेकर जारी किए गए पत्र और अपने ऊपर पड़ रहे दबाव को लेकर हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है। कुछ शिक्षकों ने तो चुनौती भी दे डाली है।
इधर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलवार के प्रधानाध्यापक राजेश पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। कहा कि मैं 2003 से कार्यरत हूं और 2007 से प्रभार में हूं। इस मामले में विधायक हरिशंकर यादव ने डीईओ मिथिलेश कुमार सिंह को पत्र लिखकर राजेश पांडेय को ही प्रभार में बने रहने देने की बात कही है। विधायक ने बताया कि जब मैं क्षेत्र भ्रमण में था तो स्कूल के पोषक क्षेत्र व गांव के लोगों ने प्रभार संबंधी मामले में राजेश पांडेय को ही बने रहने देने की मांग की थी