
शिक्षा विभाग को नहीं मिला अरबों का हिसाब
580 करोड़ रुपये के डीसी बिल जिलों में लंबित यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट के लिए 20 तक मोहलत शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई जिला स्तर पर एसी-डीसी कोषांग के गठन का निर्देश।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 से 12 फरवरी के बीच नियोजित शिक्षकों को देंगे सबसे बड़ी खुशखबरी।
पटना। शिक्षा विभाग को अरबों रुपये का हिसाब नहीं मिला है । यह हिसाब वित्तीय वर्ष 2002-2003 से 2019-2020 से बकाया है। विभिन्न योजनाओं के तहत दी
दी गई राशि का हिसाब डीसी बिल एवं यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट के माध्यम से जिलों द्वारा उपलब्ध नहीं कराये जाने को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लेते हुए जिलों में तीन दिनों के भीतर एसी-डीसी कोषांग गठित करने को कहा है। 5 अरब 80 करोड़ 62 लाख 64 हजार 232 रुपये के डीसी बिल जिलों के पास लम्बित हैं।
इसके मद्देनजर सभी लंबित विपत्रों की पहचान के लिए 10 फरवरी तक का समय देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 15 फरवरी तक सभी एसी-डीसी विपत्र महालेखाकार में जमा करने तथा 20 फरवरी तक उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने के निर्देश प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिये गये हैं । इसकी 21 फरवरी को प्राथमिक शिक्षा निदेशालय स्तर पर समीक्षा होगी तथा शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों पर काररवाई होगी।
जिला स्तर पर एसी-डीसी कोषांग गठित करने को लेकर सख्त हिदायत के साथ सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं । प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा दिये गये निर्देश में कहा गया है कि विभाग अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की विगत 2002 - 2003 से 2019-2020 तक की खर्च की गयी राशि की एसी-डीसी विपत्र एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित है। यह एक वित्तीय मामला है। उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं एसी-डीसी लंबित रहने के कारण जनहित याचिका भी दायर हो चुकी है। गलत: यह एक गंभीर मामला बना हुआ है।
इसकी गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों में इसके लिए एक कोषांग का गठन करने का निर्देश दिया गया है। परंतु, किसी जिले से कोषांग के गठन की सूचना अप्राप्त है । इसे खेदजनक करारते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारियों से तीन दिनों के भीतर कोषांग के गठन की सूचना मांगी गयी है। विभाग की लंबित सभी एसी-डीसी विपत्र एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र की सूची भी जिलों को भेजी गयी है। निर्देश में जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया है कि एक-एक स्वीकृत्यादेश एवं आवंटनादेश को देखें । किस आवंटनादेश के विरुद्ध आपके द्वारा उपआवंटन किस- किस डीडीओ- विद्यालय को किया गया।
उसकी पहले पहचान करें । उसके बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र, एसी-डीसी विपत्र प्राप्त करें । स्वीकृत्यादेशवार- आवंटनादेशवार विधिवत सामंजित एसी-डीसी एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र का हिसाब पंजी में रखें। इसकी साप्ताहिक समीक्षा करने एवं कार्यवाही पंजी संधारित करने का निर्देश देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया है कि सभी प्राप्त अनुदान राशि यथा पोशाक, छात्रवृत्ति, वेतनग़ साइकिल, प्रोत्साहन, परिभ्रमण, भवन निर्माण की एसी-डीसी एवं उपयोगिता 2018-2019 तक शून्य होना अनिवार्य है ।