
पटना। सारण के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन इकाई के अंदर ऐच्छिक स्थानांतरण का रास्ता साफ हो गया है।
सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भाकपा महागठबंधन प्रत्याशी आनंद पुष्कर ने सारण जिले के माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण करने के लिए अपर समहर्ता सह सारण जिला परिषद मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. गगन कुमार से बात कर कहा कि सारण जिले के माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण इसी दिसम्बर महिने में अविलंब सुनिश्चित करें, ताकि उनकी परेशानी कम हो सके। इसके लिए मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने पूर्णतः आश्वत किया है कि हरहाल में इसी दिसम्बर में स्थानांतरण सुनिश्चित किया जायेगा ।
">यह भी पढ़ें - प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को MACP 2010 के प्रभाव से लागू मिली वित्तीय उन्नयन की लाभ वेतन में होगी वृद्धि
जनवरी के प्रथम सप्ताह में स्थानांतरण सूची प्रकाशित हो जाएगी ! उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला पदाधिकारी और अध्यक्ष जिला परिषद सारण से भी अनुमति प्राप्त हो गयी है । गत जून में जो 326 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे, वे यथावत शामिल रहेंगे । अलग से एक सप्ताह के लिए ऐक्छिक स्थानांतरण के लिए अप्लाई करने का मौका दिया भी जायेगा जो भी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं आवेदन करने से वंचित रह गए हैं, वे एक सप्ताह में अपने आवेदन पत्र जिला परिषद सारण के कार्यालय में जमा कर सकेंगे,
परीक्षाओं में नकल प्लेग जैसी महामारी: हाईकोर्ट
1)कहा, नकल शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर सकती है
2)छात्र की परीक्षा रद्द करने की अपील खारिज की
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि परीक्षाओं में नकल प्लेग जैसी महामारी की तरह है, जो समाज और शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर सकती है। परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा किसी भी देश की प्रगति के लिए शिक्षा प्रणाली की शुचिता अचूक होनी चाहिए। अनुचित साधनों का सहारा लेने वाले छात्र राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते।
कोर्ट ने एकल न्यायाधीश के एक आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। इसमें अपीलकर्ता इंजीनियरिंग छात्र द्वारा दी गई परीक्षा को रद्द करने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया गया था। यह छात्र दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करते पाया गया था। पीठ ने आदेश में आगे कहा, परीक्षा में नकल को अनियंत्रित छोड़ दिया जाए या नरमी दिखाई जाती है, तो इसका प्रभाव हानिकारक हो सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए कहा कि एकल न्यायाधीश के आदेश में दखल की जरूरत नहीं है।