
राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया नियमवाली के फिर से संशोधन के बाद ही शुरू होगी। नियमावली में भोजपुरी, अंगिका और मगही विषय के शामिल होने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की आएगी। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग फिर से इसकी तैयारी शुरू कर रहा है। प्राथमिक, मिडिल से लेकर हाई स्कूलों में शिक्षकों का पद जिला स्तर का है और उनकी नियुक्ति जिला स्तर पर होती है। राज्य सरकार ने दो दिन पूर्व ही जिला स्तर की नियुक्ति के लिए जनजातीय भाषाओं और क्षेत्रीय भाषाओं की सूची जारी की है। इस आधार पर अब फिर से नियमावली में संशोधन किया जाएगा।
पहले स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की संशोधित हुई नियमावली राज्य स्तरीय पदों के लिए जनजातीय भाषाओं और क्षेत्रीय भाषाओं की सूची के आधार पर तैयार की गई थी। इसमें भोजपुरी, अंगिका और मगही भाषा को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन अब इसे शामिल करने के बाद ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शिक्षक नियुक्ति नियमावलियों को फिर संशोधन के बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो समेत वित्त और विधि विभाग से मंजूरी लेनी होगी। इसके बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। इसमें झारखंड से ही मैट्रिक और इंटर पास किए अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे। शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में टीईटी पास अभ्यर्थी ही शामिल हो सकेंगे और नियुक्ति के लिए उन्हें झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल होना होगा।
13000 शिक्षकों की होनी है सीधी नियुक्ति।
प्रारंभिक स्कूलों में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसमें 13 हजार पदों पर सीधी नियुक्ति होगी और 13 हजार पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित रखे गए है। इस नियुक्ति प्रक्रिया में शिक्षकों की नियुक्ति नए वेतनमान पर होगी इसमें शिक्षकों को 5200-20,200 का वेतनमान दिया जाएगा और प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को 2400 और मिडिल स्कूल के शिक्षकों को 2800 का ग्रेड पे मिलेगा। पूर्व में इन्हें 9300 34,800 का वेतनमान और 4200 व 4600 ग्रेड पे मिलता था।
नियुक्ति में हो सकती है देर।
शिक्षक नियुक्ति नियमावली में फिर से संशोधन की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया में देर हो सकती है। पूर्व में सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर 29 दिसंबर को आयोजित समारोह में औपचारिक घोषणा होगी, लेकिन अब यह होता नहीं दिख रहा।