
फर्जी शिक्षकों व एचएम का हो चुका है वेतन बंद ■ डीईओ कार्यालय में आज होंगे सभी उपस्थित ।
दरभंगा | डीईओ विभा कुमारी की ओर से जिला में हो रहे फर्जी शिक्षकों के फर्जी भुगतान पर शिकंजा कसते जाने से प्रारंभिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। फर्जी शिक्षकों को फर्जी भुगतान किए जाने का मामला नित नए नए रूप में सामने आ रहा है। डीईओ विभा कुमारी ने जानकारी दी है कि जांच के उपरांत स्पष्ट हुआ है कि किरतपुर पंचायत के तिरपुर पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय बघरस पूर्वी में फर्जी शिक्षक रघु भूषण प्रसाद के नाम पर बरसों से फर्जी भुगतान का सिलसिला चल रहा है।
इस मामले में इस विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पूनम कुमारी को भी जांच के दायरे में रखा गया है और रघु भूषण प्रसाद सहायक शिक्षक जो कभी स्कूल में रहे ही नहीं के साथ-साथ प्रधानाध्यापिका पूनम कुमारी का वेतन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। डीईओ ने जानकारी दी है कि 19 मई को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में किरतपुर के प्रखंड शिक्षा अधिकारी, स्कूल की प्रधानाध्यापिका इस जांच से संबंधित सभी अभिलेख जिसमें विगत 5 वर्षों की उपस्थिति पंजी, कक्षा संचालन के लिए बनाया गया समय सारणी, समय सारणी में शिक्षकों की ओर से की गई शैक्षणिक गतिविधियों का अभिलेख आदि के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। इस जांच के लिए जांच अधिकारी के रूप में डीपीओ संजय कुमार देव कन्हैया एवं प्रभारी डीपीओ रवि कुमार को अधिकृत किया गया है। जांच के प्रतिवेदन आने तक प्रधानाध्यापिका एवं शिक्षक दोनों का वेतन स्थगित कर दिया गया है।
दक्षता परीक्षा में फेल शिक्षकों का होगा 6 माह का विशेष कोर्स।
मुजफ्फरपुर । दक्षता परीक्षा में फेल शिक्षकों को छह महीने का विशेष कोर्स कराया जाएगा। साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश पर विभाग ने अब कोर्स मॉड्यूल तैयार कर लिया है। मुजफ्फरपुर समेत 13 जिले के बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जो दो बार की दक्षता परीक्षा में पास नहीं हुए थे। इन शिक्षकों को पढ़ाने के लिए राज्य शिक्षा शोध परिषद में 20 मई को चयनित शिक्षक को ट्रेनिंग मिलेगी। ट्रेनिंग करने वाले शिक्षक दक्षता परीक्षा में फेल शिक्षकों को छह महीने का विशेष कोर्स कराएंगे। प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने इसे लेकर आदेश दिया है।
वर्ष 2006 और उसके बाद बहाल शिक्षकों के लिए सरकार की ओर से दक्षता परीक्षा ली गई थी। दक्षता परीक्षा में फेल शिक्षकों को हटाने का आदेश था । फेल शिक्षकों ने इसके विरोध में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और इनको हटाने पर रोक लग गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों को छह महीने का विशेष प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया था। इसके तहत राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से सामान्य, उर्दू और शारीरिक शिक्षकों के लिए कोर्स मॉड्यूल तैयार किया गया है। इसके लिए निर्देश दिया गया है कि डीईओ अपने जिले के डीयट, पीटीईसी में पदस्थापित सामान्य विषय के लिए 2, उर्दू विषय के एक और शारीरिक शिक्षक के लिए एक व्याख्याता को र से मास्टर ट्रेनर के रूप में चयनित करेंगे।