
जिले के वैसे शिक्षक जो अपने समय के अनुरूप स्कूल आते-जाते हैं, उनके लिए अच्छी खबर नहीं है। वैसे शिक्षकों की लेटलतीफी पर लगाम लगाने के लिए विभाग ने ऐप जारी कर दिया है। उसी ऐप पर शिक्षकों को हाजिरी बनानी होगी। ऐसा नहीं है कि इस ऐप पर जिले में पहली बार काम हो रहा है। बल्कि, शिक्षा विभाग इससे अछूता था, जिस पर विभाग की नजर अब पड़ी है। विभाग के आदेश पर ऐप पर केवल शिक्षक नहीं, बल्कि डीईओ व डीपीओ से लेकर कार्यालय के सभी कर्मियों को हाजिरी बनानी होगी। डीएम योगेन्द्र सिंह ने बताया कि ऐप में सेटिंग के अनुसार कार्यालय पहुंचने पर ही हाजिरी बन सकेगी। जब तक शिक्षक या अन्य कर्मी कार्यालय नहीं पहुंचेंगे, हाजिरी नहीं बनेगी। स्कूल या कार्यालय पहुंचने व छोड़ते वक्त शिक्षकों व अन्य अधिकारियों और कर्मियों को उसी ऐप के जरिए हाजिरी बनानी होगी। ऐप की सबसे बड़ी विशेषता यह कि संबंधित लोग जितने बजे हाजिरी बनाएंगे, उसपर समय भी स्पष्ट दिखने लगेगा। उसके बाद चाहकर भी कोई उसमें फेरबदल नहीं कर सकेगा। ऐप से बनने वाली हाजरी पर डीएम व डीईओ नजर रखेंगे।
11 हजार पदों के लिए अतिरिक्त काउंसेलिंग पर निर्णय दो दिनों के अंदर शिक्षक नियोजन।
पटन : पंचायत चुनाव की आचार संहिता के दौर में छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन के संदर्भ में काउंसेलिंग करायी जा सकती है या नहीं, इस पर निर्णय एक-दो दिन में होने के पूरे आसार हैं. लिहाजा काउंसेलिंग के संदर्भ में अगले 48 घंटे अहम होंगे, शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर राज्य निर्वाचन एजेंसी को अपना निर्णय देना है. इस संदर्भ में पंचायती राज विभाग को भी अपनी अनुशंसा देनी है. धिकारिक जानकारी के मुताबिक 12 सौ नियोजन इकाइयों में शिक्षक के 11 हजार पदों के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग करायी जानी है. शिक्षा विभाग ने ऐसी नियोजन इकाइयों की पहचान पहले ही कर ली गयी है. उल्लेखनीय है कि उम्मीद जतायी जा रही है कि
काउंसेलिंग की तिथि इस हफ्ते बाद कभी भी जारी की जा सकती है।
दरअसल चूंकि शिक्षक नियोजन पहले से चल रहा है, इसलिए उसमें आचार संहिता बाधक नहीं बनने की बात कही जा रही है. काउंसेलिंग कराने के संदर्भ में शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंचायत चुनाव की तारीखों को को ध्यान में रखना होगा. इस दिशा में वह बड़ी गंभीरता से काम कर रहा है. दरअसल काउंसेलिंग प्रखंड स्तर पर होनी है. इन्हीं सभी वजहों से काउंसेलिंग प्रक्रिया से जुड़े जानकारों का कहना है कि काउंसेलिंग लंबी खिंच सकती है. फिलहाल सभी की निगाहें काउंसेलिंग के संदर्भ में आने वाले निर्णय पर टिकी हैं. इधर प्राथमिक शिक्षक नियोजन से जुड़े अभ्यर्थियों की बेचैनी बढ़ रही है. अभ्यर्थियों को डर है कि पंचायत चुनाव की आचार संहिता के फेर में काउंसेलिंग फंस कर न रह जाये।