
राज्य द्वारा, पटना : आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट प्रावधानों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग में बिहार से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद शामिल हुए। उन्होंने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बिहार के बजट संबंधी महत्वपूर्ण मुद्दों को केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष रखा।
उन्होंने बजटीय सुझाव देते हुए कहा कि 15वें वित्त आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिहार के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 5018 करोड़ तथा शहरी स्थानीय निकायों के लिए 2416 करोड़ निर्धारित किया गया है। वर्तमान में कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन के कारण उत्पन्न समस्याओं विशेषकर बेरोजगारी के निदान में स्थानीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका के मद्देनजर शेष 50 फीसद अनुदान को शीघ्र विमुक्त करें। तारकिशोर प्रसाद ने बैठक के दौरान राज्य की वित्तीय स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण राज्य का वित्तीय प्रबंधन चुनौतियों का सामना कर रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 के लिए भारत सरकार द्वारा उधार लेने की सीमा दो फीसद बढ़ाई गई, जिसमें एक फीसद बिना शर्त के और शेष एक फीसद सशर्त उधार के तहत रखी गई थी। अनुरोध किया कि एक फीसद सशर्त | उधार को भी बिना शर्त उधार में परिवर्तित किया जाए। यही नहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा सीमा को पांच फीसद किया जाए। उन्होंने | कहा कि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के | लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को लागू कर आर्थिक तंगी के बावजूद राज्य सरकार द्वारा 767 करोड़ की राशि संबंधित विश्वविद्यालयों को दी गई है। उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा राज्य सरकार को उपलब्ध कराए जाने वाली 50 फीसद यानी 383.50 करोड़ रुपये की राशि विमुक्ति का भी अनुरोध किया।