
सूबे के 63023 स्कूलों में ही लगी शिक्षकों की फोटो
जिलों के डीपीओ से मांगा जवाब, मिला अल्टीमेटम
मुजफ्फरपुर | जिले में 2838 प्रारंभिक मिडिल स्कूलों में 1134 स्कूल में ही शिक्षकों की फोटो चिपकाई गई है। शिक्षकों की फोटो नहीं चिपकाने के कारण परफॉर्मेंस इंडेक्स की ग्रेडिंग में मुजफ्फरपुर समेत कई जिले पीछे रह गए हैं। विभाग की ओर से पीजीआई परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इन्डेक्स में इसे भी आधार बनाया गया है। बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से सभी जिले के आंकड़े जारी किए गए हैं। सूबे में 66160 प्रारंभिक स्कूलों में 63023 में शिक्षकों की फोटो चिपकी है। विभाग ने प्राइमरी, मिडिल से लेकर हाईस्कूलों में सभी शिक्षकों का फोटो नाम पदनाम के साथ चिपकाने का आदेश दिया था।
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राज्य कार्यक्रम अधिकारी मो. असगर अली ने मुजफ्फरपुर समेत ने सभी जिले के डीपीओ से जवाब मांगा है और 5 जून तक का अल्टीमेटम सभी जिलों को दिया गया है। जिले में 400 से अधिक हाईस्कूलों में महज 121 स्कूल में ही इस निर्देश का पालन किया गया है। जिले में 1629 प्राथमिक स्कूल है वहीं 1209 मिडिल स्कूल है। इसमें प्राइमरी में 552 और मिडिल में 612 स्कूल में शिक्षकों की फोटो चिपकाई गई है। शिक्षक संघ विरोध में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक सरकार के इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों का विरोध कि सभी शिक्षकों की फोटो के साथ मोबाइल नंबर भी चिपकाना है। महिला शिक्षकों की फोटो और मोबाइल नंबर चिपकाने से कई तरह की गलत स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इसकी जवाबदेही विभाग को लेनी होगी।
शिक्षा सेवक टोले में चलाएंगे समर कैंप, बच्चे करेंगे पढ़ाई
एक से 30 जून तक समर कैंप चलाने की है योजना
■ शिक्षा सेवकों को जा रहा प्रशिक्षित किया
रहुई, | गर्मी की छुट्टीं में गरीब व कमजोर बच्चों के लिए एक से 30 जून तक समर कैंप चलाये जाएंगे। शिक्षा सेवक गरीब बच्चों के बीच कमाल विधि से टोले में दो घंटे पढ़ाई करायेंगे । इसके लिए शिक्षा सेवकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। डीपीओ अरुण कुमार ने सभी हुआ है। केआरपी को महादलित, दलित, अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत कोई बच्चा पीछे नहीं, माता भी छूटे नहीं अंतर्गत एक से 30 जून तक सभी शिक्षा सेवकों के माध्यम से समर कैंप संचालित कराने को कहा है।
विभाग का मानना है कि दो साल में कोविड- 19 महामारी की वजह से पठन-पाठन अत्यधिक प्रभावित
कक्षा चार से छह में पढ़ने वाले कई ऐसे बच्चे हैं जो बुनियादी पढ़ने एवं गणित की दक्षता में कमजोर हैं। गर्मी की छुट्टी में समर कैंप के माध्यम से टोला स्तर पर शिक्षा सेवक के सहयोग से उन्हें पढ़ाया जाएगा।