
■ शिक्षकों ने डीईओ को सौंपा सात सूत्री मांग पत्र
■ डीईओ ने जल्द कार्रवाई का दिया आश्वासन
दरभंगा। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रफीउद्दीन के नेतृत्व में सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने डीईओ को सात सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा और वार्ता की।
जिलाध्यक्ष ने डीईओ से बेनीपुर नगर, तारडीह, कुशेश्वरस्थान पूर्वी व पश्चिमी हायाघाट, बहेड़ी, गौड़ाबौराम और सिंहवाड़ा प्रखंड के पंचायत शिक्षकों के अंतर वेतन की भुगतान की मांग की। इसके साथ पूर्व में हुई वार्ता के बावजूद भी किसी पूर्व बेसिक परिस्थिति में वर्ष 2012 के पूर्व बेसिक ग्रेड शिक्षकों की पदोन्नति नहीं की गयी, इसकी जानकारी देने की मांग की। वहीं जीओबी मद के मार्च से अद्यतन वेतन का भुगतान, वंचित प्रखंडों में जीओबी मद के अंतर वेतन और नवनियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान की मांग की।
पूर्व से प्राथमिक विद्यालय मटही टोल इजरहटा - तारडीह की समस्या का यथाशीघ्र समाधान करने और अप्रशिक्षित शिक्षकों के सभी बकाया वेतन का एक सप्ताह के अंदर एकमुस्त भुगतान करने का अनुरोध किया। जिलाध्यक्ष के अनुसार डीईओ ने कहा कि जीओबी का मार्च से अद्यतन भुगतान चार से पांच दिनों में कर दिया जाएगा। एक मद से 15 प्रतिशत अंतर वेतन भी बचे प्रखंड को अविलंब भुगतान कर दिया जाएगा। रफीउद्दीन ने कहा है कि यदि एक सप्ताह के अंदर उक्त मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं होती है तो शिक्षक संघ बड़ा आंदोलन करेगे।
दो साल में घट गए कमरे स्कूल भी हो गए गायब
■ जिले समेत सूबे के यू डायस के 19-20 व 20-21 की रिपोर्ट में गड़बड़ी
■ केंद्र की ओर से यू डायस रिपोर्ट पर ही दी जानी है राज्यों को रैंकिंग
वर्ष 21-22 के लिए जारी शेड्यूल
■ नए स्कूल और अपग्रेड स्कूल का डाटा देना 30 अप्रैल
■ सभी स्कूलों को डीसीएफ फॉर्मेट देना और स्टेहोल्डर को ट्रेनिंग 10 मई
■ स्कूलों के भरे गए डाटा को सीआरसी के स्तर से चेक करना : 17 मई
■ भरे गए डाटा का भौतिक सत्यापन : 30 मई
मुजफ्फरपुर। जिन स्कूलों में साल 2020 में चार कमरे दिखाए गए थे, उसी स्कूल में 2021 में तीन कमरों की संख्या दिखाई गई। संसाधानों का यह गड़बड़झाला जिला समेत सूबे के कई स्कूलों में सामने आया है, जहां दो साल में कमरे घट गये तो कई स्कूल भी गायब हो गए। यू डायस भरने में स्कूलों से लेकर अधिकारियों का कागजी खेल सामने आया है।
यू डायस के 19-20 और 20- 21 की रिपोर्ट की राज्यस्तरीय समीक्षा में इस तरह की कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। ऐसे में 21-22 के यू डायस भरने को लेकर सरकार ने प्रक्रिया बदल दी है। भारत सरकार की ओर से यू डायस रिपोर्ट पर ही राज्यों को रैंकिंग मिलनी है। ऐसे में इस बार प्रखंड से ले जिला स्तर के अधिकारियों को स्कूलों के भरे गए डाटा पर स्कूलों की भौतिक जांच करने का टास्क मिला है।
यू डायस भरने की मिलेगी अलग-अलग ट्रेनिंग : यू डायस पिछले कई सालों से भरा जा रहा है। सरकारी से लेकर प्राइवेट स्कूल को यू डायस कोड मिला हुआ है और इसी के आधार पर संबंधित स्कूल की मान्यता भी है। इसी डाटा को भारत सरकार से मान्यता मिलती है, मगर स्थिति यह है कि अब तक यू डायस भरना स्कूल प्रबंधन से लेकर अधिकारी नहीं सीख पाए हैं। यू डायस के तहत स्कूलों को संसाधन से लेकर शिक्षकों की संख्या के साथ उनकी डिग्री समेत पूरी जानकारी देनी होती है।
डीईओ अब्दुस सलाम अंसारी और डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान अमरेन्द्र पांडेय ने बताया कि सभी अधिकारियों को 5-10 स्कूलों के भौतिक सत्यापन का टास्क मिला है।