
पटना। पुरानी पेंशन योजना लागू करने, नियोजित शिक्षकों को वेतनमान और अन्य लंबित मांगों को लेकर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक राज्य अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को हुई, अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने के लिए चलाये जा रहे हस्ताक्षर अभियान को पूर्ण कर पांच सितंबर तक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को भेजने के साथ ही 10 सितंबर को जिला स्तरीय धरना और 15 नवंबर को राज्य स्तर पर धरना का आयोजन करने का निर्णय लिया गया. बैठक में सभी जिलों के अध्यक्ष व प्रधान सचिव उपस्थित हुए राज्य संगठन को जिले की समस्याओं यथा सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन विसंगति, वेतन भुगतान की समस्या अंतर नियोजन इकाई महिला व विकलांग शिक्षकों का स्थानांतरण, सभी शिक्षकों को 10/20/30 वर्षों की सेवा के बाद प्रोन्नति का लाभ और शेड्यूल-2 के लाभ को अक्षुण्ण रखते हुए रिटायर हो रहे शिक्षकों की पेंशन के निर्धारण पर विमर्श हुआ. अर्धवार्षिक परीक्षा और मूल्यांकन के तिथि को बदलने का अनुरोध पत्र लिखा गया.
संघ के राज्य अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं हो जाती और नियोजित शिक्षकों को पुराने शिक्षकों की तरह वेतनमान व सारी सुविधाएं नहीं मिल जाती, तब तक हम चुप बैठने वाले नहीं हैं, बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार, उपाध्यक्ष नुनुमनी सिंह, रामावतार पांडेय, उपाध्यक्ष घनश्याम प्रसाद यादव, महादेव मिश्र, नागेंद्र नाथ शर्मा आदि शामिल रहे।
प्रधानाध्यापक की परीक्षा में 421 ही सफल हुए थे इसलिए होगा बदलाव
40506 प्रधान शिक्षक भर्ती का सिलेबस सरल होगा. नवंबर-दिसंबर में परीक्षा संभव।
पटना। राज्य के उच्च माध्यमिक स्कूलों में 6421 प्रधानाध्यापक बहाली के लिए ली गई परीक्षा में मात्र 421 अभ्यर्थी ही सफल हो सके थे। इसलिए अब प्रारंभिक स्कूलों में 40506 प्रधान शिक्षक की बहाली परीक्षा के लिए सिलेबस को सरल करने की तैयारी है। सिलेबस बदलने और अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए अधिक समय देने के कारण परीक्षा आयोजन में देर होगी। संभावना है कि नवंबर अंत या फिर दिसंबर अंत तक परीक्षा ली जाए। इस माह के अंत तक इस मामले पर बीपीएससी और शिक्षा विभाग के बीच बैठक में सिलेबस के बिंदु पर चर्चा होगी।
बीपीएससी के नए अध्यक्ष अतुल प्रसाद के समक्ष प्रधान शिक्षक बहाली के संबंध में जल्द ही पहले प्रजेंटेशन दिया जाएगा। इसके बाद उनकी राय के बाद बीपीएससी के अधिकारियों और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्राथमिक शिक्षा निदेशक के साथ बैठक होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान ही सिलेबस में संशोधन का निर्णय ले लिया जाएगा। सितंबर के अंत और अक्टूबर में दुर्गापूजा से दीपावली और छठ पर्व भी पड़ता है। इसलिए नवंबर के पहले परीक्षा होने की संभावना बिल्कुल नहीं है। प्रधानाध्यापक प्रतियोगिता परीक्षा में काफी कम रिजल्ट पर शिक्षक संघों की प्रतिक्रिया थी कि सिलेबस कठिन कर दिया गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि परीक्षा की तैयारी के लिए मात्र एक से डेढ़ माह का ही समय दिया गया। प्रधान शिक्षक का सिलेबस भी सरल करने के साथ तैयारी के लिए भी अधिक समय दिया जाएगा।
लिखित परीक्षा 150 अंकों की होगी, सभी वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे।
प्रधान शिक्षक के लिए लिखित परीक्षा 150 अंकों की होगी। सभी वस्तुनिष्ठ होंगे। इसमें सामान्य अध्ययन से 75 अंक, डीएलएड विषय 75 अंक का होगा। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक निगेटिव मार्किंग होगा। परीक्षा अवधि 2 घंटे की होगी। साक्षात्कार नहीं होगा। लिखित परीक्षा में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 40 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 36.5 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 34 और एससी, एसटी, महिलाओं व निशक्त उम्मीदवारों को 32 प्रतिशत न्यूनतम अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।