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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) श्रीनगर में बीटेक प्रोग्राम के आखिरी सेमेस्टर में पढ़ रहे स्टूडेंट अब अपनी पढ़ाई IIT दिल्ली से पूरी कर सकेंगे। IIT दिल्ली ऐसे स्टूडेंट्स को पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन के लिए प्राथमिकता देगा। खास बात यह है कि पीएचडी स्टूडेंट्स दोनों ही इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की निगरानी में अपनी थीसिस और शोध कार्य को पूरा कर सकेंगे।
दोनों इंस्टीट्यूट के बीच हुआ समझौता
इस बारे में आईआईटी-दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. वी. रामगोपाल राव ने बताया कि दोनों इंस्टीट्यूट में रिसर्च और एकेडमिक एक्टिविटी में एक साथ काम करने को लेकर समझौता हुआ है। इसके तहत बीटेक प्रोग्राम के तीसरे साल (छठे सेमेस्टर) में आठ सीजीपीए लेने वाले स्टूडेंट अपना चौथा साल IIT दिल्ली में पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा वे समर और विंटर वेकेशन में अपना प्रोजेक्ट IIT-दिल्ली में आकर पूरा कर सकेंगे। ऐसे स्टूडेंट्स को IIT दिल्ली अपने पीएचडी प्रोग्राम में सीधे एडमिशन का मौका देगा।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के स्टूडेंट्स को होगा फायदा
इसके तहत दोनों संस्थानों के पीएचडी स्कॉलर्स शोध, सेमिनार और वर्कशाप में भी हिस्सा लेंगे। इसके लिए स्टूडेंट्स से कोई एक्सट्रा फीस नहीं ली जाएगी, जो फीस उन्होंने NIT श्रीनगर में दी होगी, वही मान्य होगी। NIT श्रीनगर में 50 फीसदी सीटें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व होती हैं। ऐसे में IIT दिल्ली और NIT श्रीनगर के बीच हुए इस समझौते का सबसे ज्यादा फायदा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के स्टूडेंट्स को होगा।