
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए अब नियम बदलने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत अंडरग्रेजुएट, यूजी में प्रवेश के लिए यूनिवर्सिटी अब एंट्रेंस टेस्ट कराया जाएगा। सरकार ने यह फैसला 12वीं की हाईस्कोर मेरिट से छुटकारा देने के लिए लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इस परीक्षा का आयोजन करेगी। इसके लिए एक कमेटी का गठन कर लिया गया है। वहीं यह सात सदस्यीय कमेटी एंट्रेंस टेस्ट का स्तर और पैर्टन तय करेगी। मीडिया रिपोर्ट में उच्च शिक्षा सचिव, अमित खरे ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वाली कंप्यूटर आधारित सामान्य प्रवेश परीक्षा सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए अनिवार्य होगी। यह केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए 2021-22 सत्र से लागू होने जा रहा है।
यूजीसी के चेयरपर्सन प्रोफेसर डी पी सिंह ने कहा कि कमेटी को एक महीने के भीतर अपनी रिकमंडेशन सौंपने की उम्मीद है। वहीं इस बारे में शिक्षा मंत्रालय (MoE) के अधिकारियों ने कहा कि यह विश्वविद्यालयों को एक पाठ्यक्रम के लिए योग्यता के साथ उम्मीदवारों को दाखिला लेने का अवसर देगा और कई प्रवेश परीक्षाओं में उपस्थित होने की आवश्यकता को भी समाप्त करेगा। इसके अलावा MoE के अनुसार सभी उम्मीदवारों को सामान्य योग्यता परीक्षा जिसमें मौखिक और मात्रात्मक क्षमता और तार्किक तर्क शामिल हैं का आयोजन किया जाएगा।
सात सदस्यीय समिति की अध्यक्षा की अगर बात करें तो सेंट्रल यूनिवर्सिटी पंजाब विश्वविद्यालय, बठिंडा के कुलपति प्रोफेसर आर पी तिवारी करेंगे। वहीं अन्य सदस्यों में डीयू के वीसी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार, मिजोरम के केंद्रीय विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के साथ-साथ NTA के महानिदेशक और MoE के संयुक्त सचिव (केंद्रीय विश्वविद्यालय) शामिल हैं। बता दें कि कई बार 12वीं में हाईमार्क्स होने की वजह से स्टूडेंट्स को सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं मिल पाता था। अब केंद्र सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम से सभी छात्रों को यूजी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा देना होगा।