
भोजपुर की एक किशोरी को प्रेमजाल में फांसकर उसका जीजा फरार हो गया। लड़की के पिता ने इस मामले में रिश्ते के जीजा पर अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई है। आरोप लगाया है कि स्कूल जाते उसका अपहरण किया गया।प्राथमिकी में पिता ने कहा है कि 10 मई की सुबह आठ बजे मेरी पुत्री पढ़ने गई थी। इसके बाद देर शाम तक घर नहीं लौटी। इसके बाद रिश्तेदार समेत अन्य जगहों पर काफी खोजबीन की गई लेकिन उसका कोई सुराग नही मिल पाया। छानबीन में पता चला कि जगदीशपुर थाना क्षेत्र के हरिगांव निवासी धीरज कुमार प्रसाद ने गलत नीयत से पुत्री को बहला फुसलाकर भगाया है। धीरज प्रसाद को रिश्ते में बहनोई बताया गया है। थानाध्यक्ष जयंत प्रकाश ने बताया की मामला प्रेम प्रसंग का प्रतीत होता है। पुलिस किशोरी की बरामदगी के प्रयास में जुट गई है।
सरकारी स्कूलों में छात्र - शिक्षक छात्र-शिक्षक अनुपात दुरुस्त करेगी सरकार।
पटना : राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए निर्धारित शिक्षक-छात्र अनुपात को ध्यान में रखते हुए पदों की स्वीकृति में एकरूपता के लिए पदों का यथोचित आकलन होगा। इसके तहत बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षकों की न्यूनतम आवश्यकता का भी आकलन होगा। शिक्षा विभाग के मुताबिक राज्य में माध्यमिक शिक्षा के सर्वव्यापीकरण के तहत माध्यमिक विद्यालय विहीन 6, 421 पंचायतों में एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गयी है। इस प्रकार नए और पुराने माध्यमिक विद्यालयों को मिलाकर कुल संख्या 9,360 हो गई है। इस प्रकार नये माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। इसी तरह मध्य विद्यालयों में पूर्व से कक्षा छह से आठ तक के लिए स्नातक
प्रशिक्षित कला एवं स्नातक प्रशिक्षित विज्ञान के शिक्षक का पद स्वीकृत है।
कक्षा नौ से दस तक के लिए स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के (हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, गणित, विज्ञान, द्वितीय राजभाषा) पद स्वीकृत हैं। 11वीं और 12वीं कक्षा के कला एवं विज्ञान के लिए 14 पद तथा कला, विज्ञान एवं वाणिज्य के लिए 16 पद स्वीकृत हैं। इन पदों के आलोक में शिक्षकों का आकलन नए सिरे से जरूरी है, ताकि विद्यालयों में शिक्षकों की जरूरत के हिसाब से पदस्थापन सुनिश्चित हो सके। इसी के आधार पर छात्र शिक्षक अनुपात को बेहतर - करने में मदद मिलेगी। इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पदों की स्वीकृति में एकरूपता एवं निर्धारित शिक्षक छात्र अनुपात को दृष्टिगत रखते हुए रेशनलाइजेशन की आवश्यकता महसूस की है।