
15% बढ़ोतरी के साथ अब तक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं
नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं होने, 15 फीसदी बढ़ोतरी के साथ वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलने समेत अन्य मांगों को लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने सोमवार को डीपीओ स्थापना कार्यालय में तालाबंदी कर दी। शिक्षकों ने बताया कि भुगतान समेत अन्य मांगों को पूरा करने के लिए जिला शिक्षा विभाग को शनिवार तक का समय दिया गया था। बावजूद इसके अब तक भुगतान की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है। शिक्षकों ने विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए आरडीडीई, डीईओ से लेकर अन्य पदाधिकारियों को अपना मांग पत्र सौंपा है। मौके पर परि प्राशि संघ के बालेन्द्र सिंह, श्रीनारायण सहनी, नैयर आलम, अरविंद कुमार, राकेश कुमार, संतोष कुमार, पवन कुमार, नीरज द्विवेदी, राजेश कुमार, विद्यानंद यादव, प्रकाश कुमार, अनिल ठाकुर, इंतखाब रजा, संजीव कुमार, लक्ष्मीनारायण कुमार, नाजिर असरार आरफी, राज शेखर, मुन्ना यादव, शंकर यादव समेत अन्य उपस्थित हुए।
शिक्षक की जगह माफिया करा रहा था काउंसिलिंग
नालंदा की तीन पंचायतों में शिक्षक नियोजन की काउंसिलिंग चल रही थी
शिक्षक नियोजन के लिए काउंसिलिंग के दौरान गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रहती हैं। ताजा मामला चंडी प्रखंड के बापू हाईस्कूल में तीन पंचायतों में शिक्षक नियोजन के लिए काउंसिलिंग से जुड़ा है। स्वच्छ व निष्पक्ष काउंसलिंग कराने को लेकर प्रशासनिक तैयारियां कागज पर ही रह गईं। तीनों पंचायत के लिए शिक्षा माफिया मनमाफिक काउंसिलिंग कराते दिखे। हद तो तब हो गई जब प्रतिनियुक्त शिक्षक के बदले किसी अज्ञात ने काउंसिलिंग के लिए नाम पुकारा। इस दौरान प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी नहीं की जा रही थी। ये बाहरी तत्व जब मर्जी आया तब किसी का नाम पुकारने के बाद कुछ देर के लिए काउंसिलिंग रूम में घुसकर अपने कैंडिडेट को मदद करने में लगे रहे। तीनों पंचायत में शिक्षा माफिया अपने अनुसार काउंसिलिंग कराते रहे। प्रखंड के तीन पंचायतों के लिए आयोजित शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसलिंग सोमवार को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गई। बापू उच्च विद्यालय चंडी में आयोजित काउंसलिंग में तीन पंचायतों में अरौत, बेलछी व सिरनामा के कुल 17 सीटों के विरुद्ध 14 सीटों पर शिक्षक अभ्यर्थियों का नियोजन हुआ। जिसमें 3 सीटों पर अभ्यर्थियों के उपस्थित नहीं होने के कारण खाली रह गया।
चंडी में फर्जी अभ्यर्थी गिरफ्तार टीईटी का प्रमाण पत्र फर्जी निकला :- चंडी में पंचायत शिक्षक नियोजन के दौरान एक फर्जी शिक्षक अभ्यर्थी को पकड़ा गया। अरौत पंचायत की काउंसलिंग के दौरान राजगीर प्रखंड के राजगीर निवासी नीतीश कुमार के प्रमाण पत्रों की जब जांच की जा रही थी तो टीईटी का प्रमाण पत्र फर्जी होने का शक हुआ। काउंसलिंग में शामिल अधिकारियों ने जब गहन रूप से छानबीन की तो शक यकीन में बदल गया। अधिकारियों ने उसे पुलिस को सौंप दिया।
जांच कर होगी कार्रवाई
नियोजन प्रक्रिया के दौरान बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद भी नियोजन में शिक्षा माफिया के सहयोगी के द्वारा संलिप्ता की शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच कराकर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
-शशांक शुभंकर, डीएम
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138 संबद्ध डिग्री कॉलेजों में इंटर नामांकन पर हाईकोर्ट का फैसला तीन हफ्ते बाद
राज्य के 138 संबद्ध वित्त रहित कॉलेजों में इंटरमीडिएट नामांकन पर हाईकोर्ट का फैसला अब तीन सप्ताह बाद आएगा। सोमवार को माननीय उच्च न्यायालय पटना में न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसले को तीन सप्ताह के लिए सुरक्षित रख दिया है। दायर याचिका सीडब्लूजेसी 3516/2021 की सुनवाई तीन दिनों तक 28 व 29 जून के अलावे 4 जुलाई को चली। जिसमें सरकार के तरफ से अधिवक्ता ललित किशोर (एजी) तथा याचिकाकर्ता के तरफ से अधिवक्ता पीके शाही ने पक्ष रखे। जिस पर 4 जुलाई की शाम फैसला आना था।
कोर्ट ने दोनों पक्षों के तरफ से प्रस्तुत किए गए पक्षों को सुनते हुए यह फैसला अगले तीन सप्ताह के लिए टाल दिया। यह मामला वित्त रहित संबद्ध डिग्री कॉलेजों में राज्य सरकार द्वारा इंटरमीडिएट का नामांकन रोक दिए जाने का था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पीके शाही ने बताया कि फैसला 3 दिन बाद आएगा लेकिन फैसला सुरक्षित रखने संबंधी सोमवार के आदेश में 3 दिन के स्थान पर गलती से 3 सप्ताह लिखा गया है। कोर्ट से वे आदेश में सुधार का अनुरोध करेंगे।
इस वर्ष पूर्णतः लग गई नामांकन पर रोक राज्य के सभी विवि में मौजूद 138 वैसे वित्त रहित संबद्ध डिग्री कॉलेज हैं। जिसमें स्नातक के साथ-साथ इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी संयुक्त रूप से चल रही थी। सरकार ने इंटरमीडिएट की शिक्षा डिग्री कॉलेजों से अलग कर उसकी स्वतंत्र स्फाई स्थापित करने का निर्देश दिया था। 138 कॉलेजों के प्रबंधन ने सरकार को अर्जी दी जिसे सरकार ने नहीं माना और 2022 में इन सभी कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो गई।
छात्रों में नामांकन को लेकर संशय की स्थिति। कोर्ट द्वारा फैसले को तीन सप्ताह तक सुरक्षित रखने के कारण इन 138 संबद्ध वित्त रहित डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट में नामांकन को लेकर संशय की स्थिति है। जिसके पीछे बिहार राज्य इंटरमीडिएट बोर्ड द्वारा जारी की गई नामांकन की अंतिम तिथि 5 जुलाई बड़ा कारण है। मंगलवार को नामांकन की अंतिम तिथि समाप्त हो जाएगी। प्रति कॉलेज औसतन पांच सौ छात्रों की नामांकन माना जाए तो यह संख्या 60 हजार के आस पास पहुंचेगी।