
करोड़ों बच्चे नयी तिथि से पीयेंगे कैचअप कोर्स की घूटी
रिशिड्यूल होगी नये क्लास में पिछली कक्षा की पढ़ाई।
पटना । राज्य के तकरीबन 80 हजार सरकारी स्कूलों में 20 से लेकर 10वीं कक्षा तक के तकरीबन पौने दो करोड़ बच्चों को कैचअप कोर्स की घूटी पिलाने की तैयारियों पर कोरोना ने पानी फेर दिया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने क्लासरूम शिक्षा व्यवस्था को इस तरह अपनी जद में ले लिया है कि जिस दिन से कैचअप कोर्स की घूटी पिलायी जानी थी, उसी दिन से स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग समेत तमाम शिक्षण संस्थानों को बंद करने की मजबूरी हो गयी।
सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की नहीं होगी उपस्थिति पूर्णरूपेण बंद रहेंगे स्कूल। -
बच्चों को कैचअप कोर्स की घूटी पिलाने की योजना को अब रिशिड्यूल किये जाने की प्रबल संभावना है। 2री से 10 कक्षा के बच्चों को कैचप कोर्स की घूटी इसलिए पिलायी जानी है कि पिछली कक्षा की उनकी क्लासरूम की पढ़ाई हुई ही नहीं । तब ये बच्चे 1ली से 9वीं कक्षा में थे । बच्चों की क्लासरूम की पढ़ाई कोरोना से बचाव को लेकर बंद रही। नतीजतन, 9वीं कक्षा के बच्चे वार्षिक परीक्षा से पहली अप्रैल से शुरू हुए नये शैक्षिक सत्र में तो 10वीं कक्षा में पहुंच गये, लेकिन 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चों को बिना मूल्यांकन व वार्षिक परीक्षा के ही प्रोन्नति दे दी गयी।
ऐसे बच्चे प्रोन्नति से 20 से 9वीं कक्षा में पहुंच गये। ऐसे बच्चों की प्रोन्नति के साथ ही 1ली से 8वीं की पिछली कक्षा में हुई पढ़ाई की क्षति की भरपायी कैचअप कोर्स किया जाना था। कैचअप कोर्स की पढ़ाई पांच अप्रैल से जून तक के तीन माह के 60 कार्य दिवसों में होनी थी। इसके जरिये बच्चों को पिछली कक्षा के पाठ पढ़ाये जाने थे । इसी हिसाब से राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीई आरटी) ने कैचअप कोर्स डिजाइन किया । कैचअप कोर्स तैयार होने के बाद उसके पढ़ाने की शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किये गये। फिर, राज्य भर में शिक्षकों की ट्रेनिंग भी हुई।
कैचअप कोर्स स्कूलों तक पहुंचने ही वाले थे और उसकी पढ़ाई शुरू होने ही वाली थी कि उसके पहले ही कोरोना ने फिर से बदले रंग में अपने असर दिखाने शुरू कर दिये । नतीजतन, जिस दिन ( पांच अप्रैल) से कैचअप कोर्स की पढ़ाई शुरू होनी थी, उसी दिन से स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग सहित तमाम शिक्षण संस्थान बंद हो गये। पहले तो 11 अप्रैल तक बंद हुए, लेकिन 11 अप्रैल के पहले ही यह तिथि 18 अप्रैल तक बढ़ गयी । उसके बाद यह तिथि 15 मई तक बढ़ गयी है।