
छात्र व विकास कोष की अव्यवहृत राशि का भी मांगा गया ब्योरा।
पटना । राज्य में प्राइमरी से लेकर प्लस टू स्कूलों के खातों में पड़ी राशि का हिसाब शिक्षा विभाग ने जिलों से मांगा है। हिसाब वित्त विभाग के निर्देश पर मांगा गया है। प्राइमरी से लेकर प्लस-टू तक के सरकारी स्कूलों की संख्या तकरीबन 80 हजार है। इन स्कूलों के विभिन्न खातों में विकास मद में करोड़ों रुपये की राशि पड़े रहने का अनुमान है। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने शिक्षा विभाग से कहा है कि राज्य के सभी प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में विकास मद में राशि दी जाती है। प्रशासी विभाग के स्तर से प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में विकास मद की अव्यवहत राशि की नियमित समीक्षा किया जाना अपेक्षित है। प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के विकास मद में बैंक खातों में अवशेष राशि की समीक्षा कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए वित्त विभाग ने शिक्षा विभाग से कहा है।
इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने प्राइमरी से लेकर प्लस टू स्कूलों के खातों में पड़ी राशि का ब्योरा 20 जुलाई तक जिलों से मांगा है। इस बाबत शिक्षा विभाग के उप सचिव सह बजट पदाधिकारी द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा स्थापना, योजना व लेखा, एमडीएम एवं एसएसए वाले जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिया गया है। इसके लिए उन्हें फॉर्मेट दिया गया है, जिसमें खातावार विकास मद की अवशेष राशि का ब्योरा मांगा गया है। फॅमेंट में विद्यालयवार छात्र कोष की राशि, विकास कोष की राशि, कम्पोजिट ग्रांट की राशि अद्यतन अन्य विकास मद की राशि खातों की विवरणी खातावार अव्यहत राशि का ब्योरा एवं राशि अव्यहत रहने के कारण का उल्लेख किया जाना है। इसके अनुपालन को अत्यावश्यक समझने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा स्थापना, योजना व लेखा, एमडीएम एवं एसएसए के प्रभार वाले जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को देते हुए शिक्षा विभाग के उप सचिव सह बजट पदाधिकारी ने कहा है कि राज्य के सभी प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को विकास मद में दिये जाने वाले राशि के संबंध में विभागीय स्तर पर नियमित समीक्षा किया जाना अपेक्षित है।
सीएम साइंस कॉलेज का मस् चयन गर्व की बात : मंत्री
पटना । राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शनिवार को कहा कि भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित हो रहा 'विज्ञान सर्वत्र पूज्यते' (विज्ञान सप्ताह ) बहुत ही सराहनीय प्रयास है । उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए देशभर के 75 कॉलेजों में मिथिला का गौरव सीएम साइंस कॉलेज का चयन करना मिथिलावासियों के साथ ही राज्य के लिए गर्व की बात है चौधरी ने कहा कि 22 से 28 फरवरी सप्ताह में शामिल होकर छात्र-छात्राएं विज्ञान के प्रति आकर्षित होंगे और आज़ादी के 75 वर्षों की वैज्ञानिक यात्रा को यादगार बनाने और भविष्य के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने का यह प्रयास मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे भारत सरकार की दूरदर्शी सोच को बल देगा। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए शिक्षा मंत्री ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह और 'विज्ञान सर्वत्र पूज्यते' (विज्ञान सप्ताह ) के आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार चौधरी टीम तक आयजित होने वाले विज्ञान को शुभकामनाएं दी है।