
शिक्षकों को 31 मार्च तक मिल जायेगा बढ़ा वेतन।
पटना। बिहार विधान परिषद में शनिवार को स्कूली शिक्षकों के वेतन भुगतान में हो रही देर का मुद्दा छाया रहा। विपक्ष से ज्यादा भाजपा-जदयू सदस्यों ने ही इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और शिक्षा मंत्री से ससमय वेतन भुगतान की गुहार लगाई। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अफसरों की मेहरबानी पर शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों को अफसर परेशान न करें, उन्हें दफ्तरों का चक्कर न लगाना पड़े इसलिए डिजिटल व्यवस्था की जा रही है। नई व्यवस्था है, इसलिए समय लग रहा है। यह शिक्षकों के हित में ही है। पूरी कोशिश होगी कि 31 मार्च तक जितना होगा, उतने शिक्षकों का वेतन भुगतान हो जाए | राजद सदस्य सुनील कुमारसिंह के सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक से हाई स्कूल के 3 लाख 52 हजार 783 शिक्षकों में 3 लाख 24 हजार 703 शिक्षकों का डाटा अपलोड हो चुका है। इसमें दो लाख 99 हजार 228 शिक्षकों का डिजिटल हस्ताक्षर के साथ आनलाइन वेतन पर्ची जारी हो चुकी है और वेतन भुगतान की कार्रवाई की जा रही है। 31 मार्च तक ऐसे सभी शिक्षक जिनका डाटा अनुमोदित हो चुका है, उन्हें 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के साथ वेतन का भुगतान हो जाएगा।
पटना : निजी विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली किताबों की कीमतों में इस वर्ष 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इससे अभिभावकों को किताबों की खरीदारी करने में पसीने छूट रहे हैं। वहीं, प्रकाशक या स्कूल प्रबंधन एक रुपये की छूट देने को तैयार नहीं है। राजधानी के एक प्रतिष्ठित स्कूल के कक्षा चौथी के बच्चों के लिए किताब कापी की कीमत पांच हजार से ज्यादा हो रहा है। कोरोना संक्रमण से परेशान अभिभावक न चाहते हुए भी महंगी पुस्तकें खरीदने को विवश हैं। राजधानी के निजी स्कूल अभिभावक संघ के अध्यक्ष राकेश राय का कहना है कि पुस्तकों की बिक्री के नाम पर लूट मचा रखी है। सौ रुपये की किताब 500 में बेची जा रही है। अभिभावक प्रकाशक एवं स्कूल प्रबंधन के बीच दौड़ रहा है, लेकिन उनकी बातों को कोई नहीं सुन रहा है। जल्द ही इस संबंध में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से मुलाकात करेगा। संघ का आग्रह है कि सरकार निजी स्कूलों को एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाने का आदेश जारी करे। महंगी पुस्तक बिक्री करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई होगी