
विहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) योजना से शिक्षकों को मुक्त करने की मांग की है। इसके लिए संघ की ओर से सरकार को 31 मार्च तक का समय निर्धारित की गई है। अगर उनकी मांगों पर फैसला नहीं लिया गया तो संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि 72000 प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षक पीएम पोषण योजना का वहिष्कार करेंगे। यह वातें संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि अगर सरकार प्रधानमंत्री पोषण योजना से सूवे के शिक्षकों को पूरी तरह मुक्त नहीं करती तो शिक्षक आंदोलन करेंगे। शिक्षकों के आंदोलन से विद्यालयों में होने वाली परेशानियों के लिए सरकार जिम्मेवार होगी। 31 मार्च के बाद किसी भी क्षण आंदोलन की विगुल फुंका जाएगा। क्या है पीएम पोषण योजना और शिक्षकों के विरोध की वजह?मध्याह्न भोजन योजना का
मध्याह्न भोजन योजना का ही नया नाम है प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (पीएम पोषण योजना) नया नाम प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण योजना ) योजना कर दिया गया है । इसके अंतर्गत क्लास एक से आठवीं तक के वच्चों को विद्यालयों में पकापकाया गरम पोषण युक्त भोजन खिलाया जाता है। इस नए नाम के साथ उसके वित्तीय लेनदेन भी नए तरीके अर्थात पीएफएमएस (पब्लिक फाइनांस मैनेजमेंट सिस्टम) से किया जाएगा। पीएफएमएस एक केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय लेनदेन करने की ऑनलाइन व्यवस्था है जिसके द्वारा सभी आय एवं व्यय किया जाना है। यह एक सॉफ्टवेयर है जिसका उपयोग विगत कई वर्षों से मध्याह्न भोजन योजना में जिला स्तर पर किया जा रहा है, लेकिन अब इसका उपयोग विद्यालय स्तर पर भी किए जाएंगे। इससे पहल जिला कार्यालय से प्रधानाध्यापक/ विद्यालय प्रधान के खाते में एमआईएस के अनुसार मध्याह्न भोजन योजना चलाने के लिए राशि उपलब्ध कराई जाती थी। उक्त खाते से चेक के द्वारा नगर राशि निकालकर वाजार के किसी भी दुकान से विद्यालय द्वारा सामग्री क्रय किया जाता था अर्थात सभी नकद व्यय करते थे जो अव नहीं किए जाएंगे।
बच्चों के पोषण की जांच के लिए राज्यभर में चलेगा अभियान
छह साल तक के बच्चों की लंबाई-वजन की होगी माप
पटना, बिहार में 06 साल तक के बच्चों की लंबाई एवं वजन की माप की जाएगी। बच्चों की पोषण संबंधी कठिनाइयों को दूर करने को सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित कराते हुए देशव्यापी स्वस्थ्य बालक बालिका स्पर्धा का आयोजन 21 से 27 मार्च तक किया जायेगा।इसके लिए संबंधित जिले के डीएम नोडल पर्सन होंगे। राज्य के समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय के निदेशक आलोक कुमार ने जिलों के जिलाधिकारी को पत्र लिख कर स्पर्धा आयोजन के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये हैं।
पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन में दर्ज होगी करीब 90 लाख बच्चों की जानकारी: आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्र के शून्य से 6 वर्ष आयुवर्ग के सभी बच्चों की वृद्धि निगरानी कर उसकी जानकारी •पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन में दर्ज होनी है। राज्य में ऐसे करीब 90 लाख से अधिक बच्चों से जुड़ी जानकारियां एकत्र की • जाएगी। साथ ही वैसे ग्रामीण व शहरी इलाके जहां आंगनबाड़ी केंद्र स्थित नहीं हैं, उस स्थिति में संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी वैसे क्षेत्र के सभी लाभार्थियों को नजदीक के आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ टैग कर पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन में दर्ज कराना सुनिश्चित करायेंगे। साथ ही इस काम के लिए विभिन्न एजेंसी जैसे एनजीओ, केयर इंडिया, पाथ फाइनडर, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, रेसिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, पीडियाट्रिक एसोसिएशन, इम्प्लायर्स एसोसिएशन, स्कूल टीचर्स, यूथ क्लब, सीफार इत्यादि की भी सहभागिता इस अभियान में ली जा सकती है