
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में जदयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक पटना में संपन्न हुई। बैठक के अंदर और बाहर अरुणाचल प्रदेश का मुद्दा छाया रहा। करीब साढ़े तीन घंटे चली बैठक रात 8:30 बजे ख़त्म हुई। बैठक के बाद जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि अरुणाचल की घटना से हमारा दल आहत है। वहां गठबंधन धर्म के खिलाफ काम हुआ। लेकिन बिहार में अरुणाचल के दल बदल का कोई असर नहीं होगा।
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और क्या बातें हुई
त्यागी के अनुसार आज रविवार की बैठक के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए। हम लोग देश की मौजूदा राजनीतिक हालात पर प्रस्ताव लाएंगे। बिहार में पार्टी की कम सीटें आने पर भी बात होगी। बिहार में कोरोना को कैसे काबू में किया गया, इसको लेकर भी प्रस्ताव होगा। आनेवाले महीनों में जिन राज्यों में चुनाव होगा, वहां के बारे में विचार होगा। बंगाल में जदयू चुनाव लड़ेगी, ये फैसला हो चुका है। देश में पार्टी के विस्तार को लेकर भी बैठक चर्चा होगी।
'BJP का अमित्रतापूर्ण व्यवहार'
बैठक में शामिल होने जाते वक़्त त्यागी ने कहा था कि एक मित्रवत सहयोगी पार्टी का अमित्रतापूर्ण व्यवहार है। भाजपा के पास अरुणाचल प्रदेश में स्पष्ट बहुमत था, इसके बावजूद जदयू 6 के विधायकों को भाजपा में शामिल कराया गया। यह बिल्कुल अच्छा व्यवहार नहीं है। त्यागी के इस बयान पर भाजपा ने भी पलटवार किया। पार्टी के नेता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि अरुणाचल में जदयू विधायक अगर खुद भाजपा में आए हैं तो इसमें अमित्रवत व्यवहार कहां है। पार्टी (जदयू) अपने विधायकों को संभाल नहीं सकती, तो इसमें हम कहां दोषी हैं?
सीएम की लोकप्रियता में नहीं हुई है कमी
राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले केसी त्यागी ने यह भी कहा कि बिहार में ब्रांड नीतीश एक स्टेबलिश फैक्टर हैं, उनका मत प्रतिशत कम नहीं हुआ है। सीएम की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं हुई है। जनता के बीच उनकी साख बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि संख्या बल के नहीं साख के नेता हैं नीतीश कुमार। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ब्रांड नीतीश खत्म नहीं हुआ है। इसको समाप्त ही नहीं होने देंगे। वहीं, JDU के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने अरुणाचल मामले पर बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले जानेंगे कि वहां की क्या परिस्थिति है, फिर बयान देंगे।