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कर्मचारियों का मिनिमम सैलरी 21 हजार रूपये प्रति माह किए जाने की संभावना। इससे निम्न स्तरीय कर्मचारियों को होगा फायदा। सरकार द्वारा EPF के लिए दिए जाने वाले राशि अब 15 हजार की जगह 21 हजार के आधार पर दिया जा सकता।
"7th Pay Commission" के बाद नहीं आएगा नया वेतन आयोग। अब सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कैलकुलेशन का अलग होगा फॉर्मूला। केंद्र सरकार जल्द ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का नया फॉर्मूला लेकर आ सकती है।
खबर है कि सरकार जल्द ही केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़ा सकती है। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, साल 2022 में फिटमेंट फैक्टर में इजाफा (Fitment factor hike) नहीं होगा।
केंद्र के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत बढ़ी हुई सैलरी का फायदा मिल रहा है। इसका अलावा लगातार महंगाई भत्ते (Dearness allowance) में भी इजाफा हो रहा है। लेकिन, केंद्र सरकार जल्द ही सरकारी कर्मचारियों (Central government employees) के लिए सैलरी बढ़ाने का नया फॉर्मूला ला सकती है। भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने जुलाई 2016 में ही इसका इशारा दे दिया था। संसद में एक ऐलान के दौरान उन्होंने कहा था कि अब वेतन आयोग (Pay Commission) से हटकर कर्मचारियों के बारे में सोचना चाहिए। वित्त मंत्रालय (Finance ministry) के सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए अब नया वेतन आयोग नहीं आएगा। सरकार इस पर काम कर रही है कि कर्मचारियों की सैलरी में उनकी परफॉर्मेंस (Performance linked increment) के हिसाब से इजाफा किया जाए।
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अगला वेतन आयोग नहीं आएगा
सूत्रों की मानें तो सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) के बाद अगला वेतन आयोग नहीं आएगा। मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारियों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा डीए होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक वृद्धि हो जाए। इस व्यवस्था को 'ऑटोमेटिक पे रिविजन सिस्टम' के नाम दिया जा सकता है। वहीं, कर्मचारियों का भी मानना है कि मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए वेतन वृद्धि के लिए साल 2016 से चली आ रही सिफारिशों से उनके लिए गुजारा करना मुश्किल होगा। हालांकि, सरकार की तरफ से अंतिम फैसला आने तक इस मामले में प्रतीक्षा ही करनी होगी।
नहीं बढ़ेगा फिटमेंट फैक्टर
पिछले कुछ दिनों से मीडिया में इस तरह की खबरें हैं कि सरकार जल्द ही केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़ा सकती है। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, साल 2022 में फिटमेंट फैक्टर में इजाफा (Fitment factor hike) नहीं होगा. सरकार फिलहाल फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। कोविड (Covid-19) और महंगाई (Inflation) के चलते इस अतिरिक्त वित्तीय बोझ से स्थितियां गड़बड़ा सकती हैं। सूत्रों की मानें तो अब फिटमेंट फैक्टर पर भी फैसला तभी होगा, जब सैलरी बढ़ाने का नया फॉर्मूला लाए जाए। उससे पहले किसी भी तरह के कयास लगाना मुश्किल है। सरकार लगातार इस पर काम कर रही है कि कोई ऐसा फॉर्मूला बनाया जाए, जिससे समय-समय पर सैलरी में इजाफा होता रहे।
कौन से कर्मचारियों को होगा फायदा?
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, अरुण जेटली चाहते थे कि मध्य स्तर के कर्मचारियों के साथ-साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होनी चाहिए। अधिकारी के मुताबिक, नए फॉर्मूले के बाद आय के ध्रुवीकरण (income polarization) के लंबे समय से चलने वाले रुझान और केंद्रीय सरकार के विभागों में सिकुड़ते मध्य स्तर को देखते हुए ऐसा लगता है कि व्यापक मध्य-स्तरीय कर्मचारियों (broad mid-level employees) के स्तर पर ज्यादा वृद्धि नहीं दिखाई देगी। लेकिन, निम्न स्तर के कर्मचारियों को इसमें फायदा होता दिख सकता है।
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कितना मिलेगा फायदा?
पे मैट्रिक्स लेवल 1 से 5 वाले केंद्रीय कर्मचारी को उनकी कम से कम सैलरी 21 हजार हो सकती है। नरेंद्र मोदी सरकार अगले वेतन आयोग के पक्ष में नहीं है। वेतन आयोग का ट्रेंड देखें तो हर 8-10 साल के बीच इसे लागू किया जाता है। लेकिन, इस बार इसे बदलकर साल 2024 में नए फॉर्मूला लागू किया जा सकता है। सरकारी कर्मचारियों की मानें तो वेतन में करीब तीन गुना होनी चाहिए। 7th Pay commission में वृद्धि सबसे कम हुई थी।