
पटना। शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार और वैज्ञानिक सोच के साथ शिक्षा का विस्तार एवं नयी शिक्षा नीति के विरोध में राज्य के सभी स्तरों के शिक्षक संगठन एकजुट होकर आन्दोलन करेंगे।
ज्वाइंट फोरम फॉर मूवमेंट आन एजुकेशन के बैनर तले केदार भवन में शुक्रवार को आयोजित बैठक में दर्जनों शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता एआईफुक्टो के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. अरुण कुमार ने किया । बैठक में निर्णय लिया गया कि सितंबर में पटना में गोष्ठी, प्रदर्शन और रोड मार्च किया जाएगा । इसके लिए तिथि का निर्धारण तीन सितंबर की बैठक में होगा। बैठक को प्रो. अरुण कुमार, डॉ. भोला पासवान, डॉ. कृतन्जय चौधरी, प्रो. अरुण गौतम, प्रो. रौशन कुमार, इंगलेश कुमार, अजीत कुमार, अनील कुमार राय, साधना मिश्रा, सूर्यकर जितेंद्र एवं गणेश प्रसाद सिंह ने संबोधित किया।
NPSके विरोध में 21 अगस्त को कर्मचारी महासंघ गोप गुट के राज्य कार्यालय पुनाईचक ,अटल पथ पटना में कन्वेंशन निर्धारित है ।
आप अवगत हैं कि 1 सितंबर 2005 से बिहार के कर्मियों - शिक्षकों को पुरानी पेंशन समाप्त कर नई पेंशन योजना में लाया गया था ,जिसके कारण अब नई पेंशन योजना लागू हो गई है । पुन: पुरानी पेंशन योजना को लागू कराने एवं इसके लिए नई रणनीति बनाने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों , रेलवे कर्मचारियों के साथ-साथ राज्य के कर्मचारी - शिक्षकों का संयुक्त कन्वेंशन आयोजित किया गया है ।इस कन्वेंशन में आप सादर आमंत्रित हैं।
दिनांक:- 21 अगस्त 2022 (रविवार)
समय :- 11:00 बजे
स्थान :- महासंघ गोप गुट कार्यालय पुनाइचक ,अटल पथ पटना ( हड़ताली मोड़ , विश्वेश्वरैया भवन के पीछे अटल पथ पर मुख्य मार्ग पर अवस्थित है )
निवेदक:- NMOPS बिहार टीम
शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच फिर से शुरू
■ 2012 से लेकर अब तक की मांगी रिपोर्ट
■ दो बार डीइओ कार्यालय पहुंचकर की पूछताछ
■ 20 शिक्षकों के बर्खास्तगी का तैयार किया फाइल
सहरसा। आरडीडीई ने 2012 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिले में बहाल लगभग 700 शिक्षकों की पूरी रिपोर्ट जिला शिक्षा विभाग से मांगी है। दो बार इस संबंध में जिला स्तर से मिली जानकारी से नाखुश आरडीडीई ने 27 अगस्त तक पूरी रिपोर्ट देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बहाल शिक्षकों के प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी की शिकायत निदेशक तक पहुंची थी। जिसके बाद निदेशक ने जांच का जिम्मा आरडीडीई को दिया। आदेश के बाद आरडीडीई जगतपति चौधरी ने जिला शिक्षा विभाग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी। खुद जाकर भी जांच किया। सूत्रों के मुताबिक आरडीडीई विभागीय जानकारी से नाखुश थे। उन्होंने 2012 से अब तक हुई नियुक्ति, जांच व कार्रवाई के संबंध में फार्मेट में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
बताया जा रहा है कि पूरी रिपोर्ट 27 अगस्त तक सौपी जाएगी। हालांकि इस संबंध में अभी विभाग के लोग स्पष्ट कुछ कहने से परहेज कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट को तैयार करने की जिम्मेवारी चार लिपिक को दी गई है। आरडीडीई की जांच के बाद 20 शिक्षकों पर गाज गिरेगी। इनमें से लगभग एक दर्जन शिक्षकों की अमान्य संस्था से डिग्री थी। जबकि आठ शिक्षकों के डिग्री में गडबड़ी मिली थी। हालांकि अभी तीन दर्जन से अधिक कार्रवाई की जद में हैं। जिले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगभग 700 शिक्षकों की बहाली हुई थी। इस संबंध में डीइओ मो. नसीबुल्लाह ने कहा कि आरडीडीई की जांच के बाद कार्रवाई होगी। नियोक्ता होने के कारण बर्खास्त करने का अधिकार भी है। फिलहाल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके बाद कार्रवाई होगी।
बिहार के विभागों ने भेजा रिक्त पदों का ब्योरा साल के अंत तक होगी बंपर बहाली
प्रदेश में सरकारी नौकरी को लेकर इन दिनों बयानबाजी तेज है। सरकार भी नौकरी सृजन करने के लिए कोशिश कर रही है। गृह विभाग ने कुछ दिनों पहले से संबंधित विभागों और जिलों से रिक्तियों का ब्योरा मांगा था और सभी ने अब ब्योरा भेज भी दिया है। बिहार में पुलिस विभाग ने 12 हजार रिक्तियों का ब्योरा भेजा है, जिसमें सब इंस्पेक्टर, सार्जेंट, सहायक जेलर और 10 हजार सिपाही के पद शामिल हैं, कृषि विभाग ने साढ़े 8 सौ रिक्तियों का ब्योरा भेजा है।
बिहार सरकार में सबसे ज्यादा रिक्तियां शिक्षा विभाग में है, जहां एक लाख 80 हजार शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर जल्द ही नियोजन प्रक्रिया शुरू होने वाली है। कुल 40 हजार 506 प्रधान शिक्षकों का भी शिक्षा विभाग और बीपीएससी ने ब्योरा भेजा है और इन पदों पर भी जल्द बहाली शुरू हो सकती है। विभागीय सूत्रों की मानें तो सितंबर से शिक्षक नियोजन के सातवें चरण की बहाली प्रक्रिया शुरू हो सकती है, जिसमें सबसे पहले प्रारंभिक स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरा जाएगा। इसके साथ ही पुलिस विभाग ने 12 हजार रिक्तियों का ब्योरा भेजा है जिसमें सब इंस्पेक्टर, सार्जेंट, सहायक जेलर और 10 हजार सिपाही के पद शामिल हैं। वहीं कृषि विभाग ने साढ़े 8 सौ रिक्तियों का ब्योरा भेजा है जिसमें प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, सांख्यिकी समन्वयक शामिल हैं। वहीं, वर्षों से राजस्व विभाग में सर्वेक्षण अमीन के पद भी खाली पड़े हैं। इस पर भी जल्द ही बहाली शुरू होगी। विभाग ने 2000 से ज्यादा सर्वेक्षण अमीन का ब्योरा भेज दिया है। शिक्षा के बाद दूसरा सबसे ज्यादा बहाली करने वाला विभाग स्वास्थ्य विभाग होगा जहां एक साथ लगभग 12 हजार बहाली होगी और विभाग ने इसका ब्योरा भी सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया है। यानि आयुष चिकित्सक, चिकित्सक, नर्स, लैब टेक्नीशियन की बहाली होगी। इसके साथ ही जल्द ही तकनीकी सेवा आयोग, बीपीएससी समेत सभी विभागों में वैकेंसी निकाले जाने की तैयारी है।