
बिहार के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों से आंगनबाड़ी केंद्रों के संबद्ध (टैगिंग) होने के बाद अगले सत्र से व्यवस्था में बड़ा बदलाव होगा। शिक्षा विभाग ने समाज कल्याण विभाग के सपोर्ट से अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
बिहार के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों से आंगनबाड़ी केंद्रों के संबद्ध (टैगिंग) होने के बाद अगले सत्र से व्यवस्था में बड़ा बदलाव होगा। शिक्षा विभाग ने समाज कल्याण विभाग के सपोर्ट से अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पहला बदलाव यह होने जा रहा है कि राज्य में संचालित सभी एक लाख 15 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर बंटने वाले पोषाहार को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (मिड डे मील) से जोड़ दिया जाएगा। पोषाहार पर भी मिड डे मील निदेशालय का कंट्रोल रहेगा। दूसरा बदलाव यह होगा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी सेविकाएं अतिरिक्त शिक्षिका की भूमिका में होंगी।
प्ले स्कूल और नर्सरी क्लास के रूप में बदलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र।
प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों पर यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत की जा रही है क्योंकि आंगनबाड़ी केंद्रों को पूरी तरह से प्ले स्कूल एवं नर्सरी क्लास के रूप में संचालित किया जाएगा। बच्चों को पढ़ाने-सिखाने का हुनर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण से दिया जाएगा। यहां तक कि आने वाले समय में अतिरिक्त शिक्षिका की भूमिका निभाने वाली आंगनबाड़ी सेविकाओं की मानदेय में भी सम्मानजनक वृद्धि होगी। वर्तमान में तकरीबन छह हजार रुपये आंगनबाड़ी सेविकाओं को मानदेय मिैलता है।
शिक्षा विभाग के निदेशालय के अधीन होगा आंगनबाड़ी केंद्रों का पोषाहार नजदीकी विद्यालयों में आंगनबाड़ी केंद्रों को टैग करने का आदेश दिया
प्राथमिक विद्यालयों से संबद्ध किए जाएंगे सभी आंनबाड़ी केंद्र।
बहरहाल, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों के साथ संबद्ध करने का आदेश सभी जिलों को जारी कर दिया है। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को विद्यालयों से संबद्ध करने के बाद उसकी पूरी रिपोर्ट सप्ताह भर में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को देने को कहा है। इस व्यवस्था से गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों के बच्चों के समकक्ष लाने में काफी मदद मिलेगी।