
● कोरोनाकाल में में ही ऑनलाइन आवेदन पर हो स्थानांतरण
● जून में लिये जा सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
● पंचायती राज व नगर विकास विभाग के पास प्रस्ताव
बिहार में नियोजित शिक्षकों के लिए बनी सेवा शर्त नियमावली लागू नहीं होने से राज्य के शिक्षक-शिक्षिकाओं को कई तरह की परेशानी हो रही है।
CM का ऐलान कोरोना से मौत पर राज्य कर्मियों को मिलेंगे 25 लाख रु. मुआवजा
2006 में सरकारी नियोजन नीति के तहत बहाल इन शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्थानांतरण का कोई प्रावधान नहीं था। जो जहां बहाल हैं उन्हें वहीं सेवा देने का प्रावधान था। शिक्षक संघ के आंदोलनों की वजह से 2020 में नयी सेवा शर्त नियमावली तो बनी, मगर सालभर बीत जाने के बाद भी यह लागू नहीं हो पायी, जिसकी वजह से कई नियोजित शिक्षिकाएं जो शादी से पूर्व अपने मायके के क्षेत्र में नियोजित हुई हैं। स्थानांतरण नहीं होने की वजह से ससुराल नहीं जा पा रही हैं, क्योंकि उन्हें अपनी ड्यूटी भी करनी है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण में भी उन नियोजित शिक्षकों और लाइबेरियनों को ज्यादा कठिनाई झेलनी पड़ रही है। जो नियुक्ति के बाद से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं।
बताते चलें कि पिछले साल इनकी सेवा शर्त सरकार ने लागू की तो उम्मीद बंधी की सरकार जल्द से जल्द ट्रांसफर के लिए आवेदन भी लेगी, लेकिन एक साल बीतने को है शिक्षक और लाइब्रेरियन ने ट्रांसफर शब्द जमीन पर उतरते देखा ही नहीं। अब प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसी कोरोना काल में ट्रांसफर करने की मांग की है। शिक्षकों का यह भी आरोप है किअफसरों की ओर से सिर्फ टालमटोल किया जाता है। बताते चलें कि साल 2020 में शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली लागू की। इसके बाद दस पंद्रह वर्षों से इंतजार कर रहीं महिला शिक्षिका और दिव्यांगों में उत्साह आया कि अब कुछ दिनों के अंदर ही सरकार उनका ट्रांसफर उनके घर के पास वाले स्कूल में कर देगी। लेकिन अब तक यह सपना पूरा नहीं हुआ। इस पर जब कोरोना का कहर बिहार में बरपा तो इन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
घर से दूर रहने पर क्या-क्या कठिनाइयां होती हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो इसके लिए ऑन लाइन आवेदन लिए जाएंगे और उसके बाद महिला शिक्षिका व दिव्यांग शिक्षकों का अंतर जिला और अंतर नियोजन इकाई ट्रांसफर होगा ट्रांसफर की गाइडलाइन विभाग के पास तैयार है। इसे पंचायती राज विभाग को भेजा जाना था लेकिन वह काम भी पूरा हो चुका है। इसके बाद इसे नगर विकास विभाग से पास होना है। अब कहा जा रहा है कि जून माह में ट्रासफर की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इस मामले में बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार कहते हैं कि बड़ी संख्या में शिक्षिकाएं और दिव्यांग शिक्षकों का ट्रांसफर लॉकडाउन के समय में ही ऑनलाइन आवेदन लेकर किया जाए। इससे कोविड काल में इन्हें काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसमें पहले ही काफी देर हो चुकी है।