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मुजफ्फरपुर। राशि स्वीकृत कुछ और हुई, लेकिन आवंटन आया कुछ और। शिक्षकों के वेतन मद की राशि मे आवंटन के बाद भी पेच फंस गया है । कोषागार ने स्वीकृत राशि से कम मिलने पर निकासी से इनकार कर दिया है और ऐसे में पांच हजार शिक्षकों के वेतन भुगतान का मामला फंस गया। है। मामला बिहार सरकार मद से वेतन पाने वाले शिक्षकों का है । इस शिक्षकों के वेतन का आवंटन सीएफएमएस पर कुछ दिन पूर्व ही प्राप्त हुआ।
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सगंठन प्रभारी लखन लाल निषाद ने बताया कि समस्या आवंटन में भिन्नता को लेकर है। पटना से स्वीकृत जितनी राशि है, उतनी जिले को प्राप्त नहीं हुई है। मामला वित्तीय है इसलिए परेशानी है। परि. प्रा. शि. संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि पांच दिन पूर्व पटना जब सचिव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे सामने यह मामला नहीं आया है। इसे दिखवाया जा रहा है। जो भी राशि गई है, उसे निकासी करवाएं। समीक्षा कर बची राशि भेजने का अविलंब प्रयास करते हैं।
मिले हुए पैसे 11 जिलों ने फिर से मांगे
पटना। समग्र शिक्षा के प्रारंभिक शिक्षकों के 7वें वेतनमान के अंतर वेतन एवं बकाया वेतन मद की राशि मिलने के बावजूद 11 जिलों द्वारा उसे फिर से मांगी गयी है। यह गड़बड़ी बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा की गयी समीक्षा में पकड़ी गयी। इसके मद्देनजर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने संबंधित 11 जिलों के प्रारंभिक शिक्षा व समग्र शिक्षा के प्रभार वाले जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों से यह स्पष्ट करने को कहा है कि वर्तमान में आपके द्वारा मांगी गयी राशि पूर्व में उपलब्ध करायी गयी राशि में शामिल नहीं है इसके लिए संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दी गयी चौबीस घंटे की मोहलत की अवधि समाप्त हो गयी है।
संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिये गये निर्देश में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार अरविंद सिन्हा ने कहा है कि शिक्षकों के बकाया वेतन व अंतर वेतन के लिए उपलब्ध कराये गये मांग पत्र की समीक्षा के क्रम में पाया गया है कि 7वें वेतनमान के अंतर वेतन व बकाया वेतन मद में पुनः राशि की मांग की गयी है, जबकि यह राशि पत्रांक 5575 के माध्यम से 14 अगस्त, 2019 को ही उपलब्ध करायी जा चुकी है। संबंधित 11 जिलों में अररिया, औरंगाबाद, बेगूसराय, गोपालगंज, जमुई, खगड़िया, पटना, सहरसा, सिवान, सुपौल एवं वैशाली शामिल हैं।
पटना। राज्य में बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 112 शिक्षक 'दी बिहार टीचर्स अवार्ड' से सम्मानित किये गये हैं 10 शिक्षार्थियों को भी सम्मानित किया गया है।
सम्मान समारोह का आयोजन ऑनलाइन शिक्षण मंच 'द बिहार टीचर्स हिस्ट्री मेकर्स' ने रविवार को • यहां कॉलेज ऑफ कॉमर्स ऑर्ट्स एंड साइंस के वाणिज्य सभागार में किया था। मुख्य अतिथि के पद से नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. सी. सिन्हा ने शिक्षकों को समाज का दर्पण बताया । विशिष्ट अतिथि के पद से जाने-माने शिक्षाशास्त्री डॉ. ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी ने बच्चों की शिक्षा को भाषा की दीवार से बाहर कर शिक्षा प्रदान करने का आग्रह शिक्षक समुदाय से किया। समारोह का उद्घाटन करते हुए कॉलेज ऑफ कॉमर्स ऑर्ट्स एंड साइंस के प्रधानाचार्य प्रो. इंद्रजीत प्रसाद राय ने शिक्षकों से छात्रों के दिल में स्थान बनाने पर जोर दिया।
समारोह में शिक्षकों के सम्मान के साथ-साथ रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति शिक्षकों एवं छात्र - छात्राओं द्वारा की गयी। आयोजन में डॉ. कुमार गौरव, डॉ. कुमार मदन मोहन, सौरभ कुमार सुमन, बलवंत कुमार, राजन कुमार, रजनीश कुमार, रश्मिबाला, अंशु कुमारी, पूनम कुमारी, सुरेश कुमार, मीरा कुमारी, दीपमाला कुमारी एवं मनोज कुमार सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। वक्ताओं में बिहार मैथमेटिकल सोसायटी के डॉ. विजय कुमार, डॉ. तेजनारायण प्रसाद, डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. वीर कुजूर, डॉ. पल्लव कुमार एवं डॉ. सुरेंद्र कुमार पाल के नाम उल्लेखनीय हैं । संचालन रश्मिबाला एवं पूनम ने किया। द बिहार टीचर हिस्ट्री मेकर्स की ओर से शिक्षकों द्वारा करोनाकाल में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग के बच्चों तक शिक्षा की ज्योति जलायी जाती रही है। कोरोनाकाल के बाद भी उच्च माध्यमिक प्रधानाध्यापक तथा प्राथमिक विद्यालय प्रधान शिक्षक की तैयारी एवं विभिन्न कठिन बिंदुओं पर विश्लेषणात्मक विडियो यूट्यूब एवं फेसबुक आदि विभिन्न माध्यमों की सहायता से उपलब्ध करायी जाती रही है।