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शिक्षा मंत्री : प्रो. चंद्रशेखर के एक बयान पर लाखों शिक्षकों का आक्रोश भड़क गया है। शिक्षा मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि नियोजित शिक्षक आउटपुट देंगें तब हम उन्हें मदद करेंगे। अब शिक्षा मंत्री के इस बयान की शिक्षक निंदा करते हुए महागठबंधन सरकार को उनका वादा याद दिला रहे हैं। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह ने शिक्षा मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बयान को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के इस अनर्गल बयानबाजी से लाखों शिक्षक आक्रोशित हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने महागठबंधन सरकार से प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्षों को शिक्षक दिवस पर समान काम के लिए समान वेतन, राज्यकर्मी का दर्जा, पुराना पेंशन, अंतर जिला ऐच्छिक स्थानांतरण देकर सम्मानित करने की मांग की है
उन्होंने कहा कि 18 साल से राज्य के 75 हजार स्कूलों में कार्यरत लाखों नियोजित शिक्षकों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का काम पूरी निष्ठा से किया है। नियोजित शिक्षकों के अथक प्रयास से ही 25 लाख आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल से जोड़ने में सफलता मिली है। नियोजित शिक्षकों के बदौलत ही मैट्रिक और इंटर की कदाचार मुक्त परीक्षा और समय से रिजल्ट प्रकाशन संभव हुआ है। इसलिए महागठबंधन सरकार अपना वादा पूरा कर नियोजित शिक्षकों का सम्मान करे। अन्यथा लाखों शिक्षक सड़क पर उतरकर राज्यव्यापी आंदोलन प्रारंभ कर देंगें।
नई पेंशन प्रणाली के विरोध में 1 को काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे।
पटना | एनएम ओपीएस बिहार द्वारा बिहार में नई पेंशन प्रणाली लागू होने के दिन 1 सितंबर को काले दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके विरोध में 1 सितंबर को काला बिल्ला लगाकर काम करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडे एवं प्रदेश महासचिव शशि भूषण ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, वित्त मंत्री तथा मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया है। बिहार में नई पेंशन योजना से आच्छादित लगभग ढाई लाख अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत हैं और यह सभी अधिकारी एवं कर्मचारी 1 सितंबर 2022 को नई पेंशन प्रणाली के विरोध में काला दिवस के रूप में मनाते हुए काली पट्टी लगाकर अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे।
मंत्री ने सुनीं समस्याएं, दिया निराकरण का भरोसा।
शिक्षा मंत्री से मिले शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि।
पटना। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से मिल कर रिजल्ट अनुदानित हाई स्कूलों के शिक्षकों ने अनुदान के बदले वेतनमान एवं नियोजित शिक्षकों ने समान काम के बदले समान वेतन की मांग रखी। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से गुरुवार को मिल कर बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने बधाई दी और 715 माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को सम्मानजनक जीवन यापन पर विचार करने का आग्रह किया। बधाई देनेवालों में महासंघ के प्रांतीय संयोजक राज किशोर प्रसाद साधु, पटना जिला अध्यक्ष अरुण कुमार पप्पू एवं शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार थे।
दूसरी ओर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से मिलकर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी घोषित करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया कि इस दिशा में जरूर पहल करेंगे और शिक्षकों के मान-सम्मान में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी जायेगी। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि शिक्षा मंत्री पूर्व में शिक्षकों के आंदोलन में शामिल होते रहे हैं और शिक्षकों की प्रत्येक समस्या से अवगत है। उन्होंने शिक्षकों से बेहतर आउटपुट देने की अपील करते हुए कहा कि सरकार और शिक्षक दोनों मिलकर बिहार की शिक्षा व्यवस्था को एक मॉडल शिक्षा व्यवस्था बनाने का प्रयास करें । प्रतिनिधिमंडल में तिरहुत प्रमंडल के संगठन प्रभारी लखन लाल निषाद, राजेश यादव, मेराजुल हक साबरी, अभय कुमार सिंह, संजीव कुमार, अरविंद कुमार, संजीव कुमार, सुधीर कुमार, रंजीत कुमार, मो. मुर्तुजा, अली अकबर, श्री नारायण सहनी इत्यादि प्रमुख रूप से शामिल थे।
इस बीच बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक - शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह ने महागठबंधन सरकार से प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्षों को शिक्षक दिवस पर समान काम के लिए समान वेतन, राज्यकर्मी का दर्जा, पुराना पेंशन, अंतर जिला ऐच्छिक स्थानांतरण देकर सम्मानित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 18 साल से राज्य के 75 हजार स्कूलों में कार्यरत लाखों नियोजित शिक्षकों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का काम पूरी निष्ठा से किया है । नियोजित शिक्षकों के अथक प्रयास से ही 25 लाख आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल से जोड़ने में सफलता मिली है । नियोजित शिक्षकों के बदौलत ही मैट्रिक और इंटर की कदाचारमुक्त परीक्षा और समय से रिजल्ट प्रकाशन संभव हुआ है । नियोजित शिक्षक दशकों से इनपुट देते आ रहे है।