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मधुबनी जिले 13006 नियोजित शिक्षकों का ईपीएफ कटौती की राशि लगभग 70 करोड रुपैया मधुबनी डीईओ और डीपीओ के द्वारा गबन।
मधुबनी। जिले मे 13 हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों के एढऋ अंशदान की लगभग 70 करोड़ की राशि मधुबनी के डीईओ और डीपीओ मिलकर डकार गए। मामला खुलासा होने के बाद पदाधिकारियों का हाथ में फूल रहा है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी के मधुबनी पहुंचने की सूचना पर हरकत में आए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मध्यान भोजन ने शिक्षकों से वार्ता की। वार्ता के पश्चात लिखित समझौता कर 10 दिनों के अंदर एढऋ की राशि खाते में जमा करा देने का लिखित समझौता किया किंतु पदाधिकारियों की गर्दन फंस गई है।
यह समझौता लिखित रूप में करके शिक्षा पदाधिकारी और बुरी तरह फंस गए हैं क्योंकि 13 महीने से शिक्षकों के बताए एढऋ अंशदान की राशि अब जमा कराना कोई आसान बात नहीं है। कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अधिकतम पांच माह तक विलंब होने पर एढऋ अंशदान की राशि जमा करायी जा सकती है किंतु उससे अधिक विलंब होने पर नियोक्ता को ब्याज सहित जुमाने के साथ ही राशि जमा करानी पड़ेगी। 13 महीने से राशि बकाया है जिसमें 5 महीने का व्याज तो एढॠह माफ कर सकता है तो किंतु विलंबित शेष आठ माह के अंशदान की राशि ब्याज और दंड के साथ ही जमा कराई जा सकती है।
मधुवनी के 13 हजार से अधिक शिक्षकों के 8 माह की राशि लगभग 70 करोड़ रूपए से अधिक बकाया है । इसे जमा कराने के लिए 12 1/2% (साढ़े बारह) की दर से ब्याज और जुमार्ने की राशि लगभग 5 करोड़ रूपए हो जाएगी। इतनी राशि इन पदाधिकारियों के लिए जमा करा पाना संभव नहीं है। वार्ता के क्रम में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना ने स्वीकार किया कि फरवरी 2021 के एढऋ अंशदान की राशि जमा कराने के लिए 4 बार कोशिश की गई है किंतु इंपीएफ का सॉफ्टवेयर उस राशि को एक्सेप्ट नहीं कर रहा है क्योंकि विलंब होने पर इंपीएफ का सॉफ्टवेयर स्वतः ब्याज के राशि गणना कर लेता है और व्याज सहित राशि डालने पर ही एक्सेप्ट करता है।
इस तरह मामला पेचीदा बन गया है। दूसरी ओर कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार 5 माह से अधिक विलंब होने पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को नियोक्ता पर प्राथमिकी भी दर्ज कराना है। नियमानुसार तो अभी तक प्राथमिकी दर्ज करा देनी चाहिए थी लेकिन अब तक एढॠह ने कोई कार्रवाई नहीं कर सका है जिसके खिलाफ परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने हल्ला बोल दिया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी शिक्षकों का सामना करने से भागते फिर रहे हैं किंतु वे बच नहीं पाएंगे और इन लोगों को जेल भी जाना पड़ सकता है।