
यदि आप सरकारी या नियोजित शिक्षक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खुशी की बात हो सकती है। जी हां, सरकार प्रदेश के सभी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले 27 हजार से अधिक शिक्षकों को टैबलेट मनी (tablet money) देने की तैयारी कर रही है। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक बंसीधर तिवारी के अनुसार वार्षिक योजना केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों पर तैयार की जा रही है। इस योजना में प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध कराने की योजना भी शामिल है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी और जानकारी।
बता दें, केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट मनी (tablet money) मुहैया कराने की बात कही गई है। यह जानकारी खुद शिक्षा महानिदेशक ने दी है। इस अधिसूचना के चलते विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सरकार ने सभी अधिकारियों को निर्धारित समय के भीतर वार्षिक योजना तैयार करने का आदेश दिया है। सभी प्राथमिक शिक्षक जिन्हें टैबलेट दिए जाएंगे वे इसका उपयोग केवल पढ़ाई के लिए करेंगे।
Free Tablet के लिए मिलेंगे इतने पैसे
राज्य सरकार का कहना है कि अगर सरकार टैबलेट के वितरण को मंजूरी देती है तो प्रत्येक प्राथमिक शिक्षक को 10,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। शिक्षा महानिदेशक का कहना है कि वार्षिक योजना में सोलर पैनल, नए स्कूल भवन, प्रयोगशाला आदि को भी शामिल किया गया है। 25 मार्च तक यह वार्षिक योजना और 5 साल की प्रस्तावित योजना केंद्र सरकार तक पहुंच जाएगी।
योजना को समय पर पूरा करने के निर्देश।
22 फरवरी 2022 यानि मंगलवार को शिक्षा महानिदेशक बंसीधर तिवारी ने 2022-23 की वार्षिक योजना और बजट को लेकर अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। आपको बता दें, इस बैठक में उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्धारित समय पर वार्षिक योजना तैयार करने का आदेश दिया है। इस बैठक में उप शिक्षा अधिकारी से लेकर अतिरिक्त निदेशक और निदेशक स्तर के सभी अधिकारी मौजूद थे।
यह भी पढ़ें - नियोजित शिक्षकों का खुल गया किस्मत का ताला बरसों से था इंतजार आखिरकार मिल ही गया।
आप सभी जानते हैं कि देश में निजी या सरकारी स्कूलों की संख्या में शिक्षा के तरीके में बहुत बड़ा अंतर है। सरकार द्वारा दी गई टैबलेट का सही उपयोग तभी होगा जब छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी। लेकिन कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद होने के बाद देखा गया है कि सरकारी स्कूलों के कई छात्र ऐसे भी हैं कि उनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए किसी भी तरह का कोई साधन उपलब्ध नहीं है।