
7th Pay Commission परिहार के ने कहा हमारी अन्य मांगों में संविदा कर्मचारियों को भत्ता तथा आउटपुट आधार पर लगे कर्मचारियों को दिवाली के पहले अक्टूबर महीने के वेतन के साथ बोनस का भुगतान तथा वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाना मुख्य रूप से मांग
मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (एपीयूएफपीईई) ने शनिवार को सरकारी बिजली कंपनियों के कर्मचारियों को अपनी विभिन्न मांगों को पूरी कराने के लिए एक नवंबर से काम का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। एमपीयूएफपीईई के समन्वयक अभियंता वी के एस परिहार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि राज्य के स्वामित्व वाली बिजली कंपनियों के कर्मचारी और इंजीनियर एक नवंबर से अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर कार्य बहिष्कार आंदोलन करेंगे।
परिहार ने कहा कि महंगाई भत्ते के बकाया का 50 प्रतिशत भुगतान और अक्टूबर के वेतन में वेतन वृद्धि राशि का भुगतान करना प्रमुख मांग के तौर पर शामिल है। उन्होंने कहा कि फोरम पहले ही प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के साथ बैठकों में अपनी यह मांगे रख चुका है जहां आश्वासन दिया गया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि एमपीयूएफपीईई सरकारी बिजली कंपनियों के इंजीनियरों और कर्मचारियों के 11 संघों का एक संयुक्त मंच है। परिहार ने कहा ,‘‘हमारी अन्य मांगों में संविदा इंजीनियरों और कर्मचारियों को भत्ता तथा आउटसोर्स आधार पर लगे कर्मचारियों को दिवाली के पहले अक्टूबर महीने के वेतन के साथ बोनस का भुगतान तथा वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाना शामिल है।’’
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ता (डीए) में तीन फीसदी की बढ़ोतरी के बाद कुछ सूबों ने भी अपने सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह में इजाफा कर के उन्हें दिवाली बोनांजा दे दिया। ऐसे प्रदेशों में मध्य प्रदेश भी शामिल है। बीजेपी शासित सूबे में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने कर्मचारियों के डीए में आठ फीसदी के इजाफे का ऐलान किया था। म.प्र सीएम ने डीए में आठ फीसदी वृद्धि का ऐलान किया था। राज्य सरकार के इस निर्णय से सरकारीकर्मियों के डीए की कुल रकम (प्रतिशत में) बढ़कर 20 फीसदी हो गई। राजस्थान, कर्नाटक, ओडिशा और यूपी आदि में भी सैलरी बढ़ाने से जुड़े फैसले लिए गए हैं।