बिहार: म्यूचुअल ट्रांसफर की बाध्यता में राहत, 10 जुलाई से पोर्टल पर करें शिकायत
बिहार के शिक्षकों को म्यूचुअल ट्रांसफर में बड़ी राहत दी गई है। अब ऐच्छिक स्थानांतरण से जुड़ी शिकायतों का समाधान जिला स्तर पर होगा। 10 जुलाई से ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायतें दर्ज की जा सकेंगी। जिला स्थापना समिति करेगी समस्याओं का निपटारा।
म्यूचुअल ट्रांसफर की बाध्यता में शिक्षा विभाग ने दी बड़ी राहत।
- जिला स्तर पर की जाएगी शिकायतों की सुनवाई व निपटारा।
- 10 जुलाई से पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन और शिकायत की सुविधा।
- स्थानीय समिति शिक्षिकाओं की व्यवहारिक समस्याओं का भी करेगी समाधान।
- --- समाचार विवरण:
शिक्षा विभाग ने राज्य के शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए म्यूचुअल ट्रांसफर की बाध्यता को आंशिक रूप से खत्म करने का निर्णय लिया है। अब ऐच्छिक स्थानांतरण से जुड़ी विसंगतियों का समाधान जिला स्तर पर किया जाएगा, जिससे शिक्षकों को अपनी शिकायतों के लिए पटना या मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा।
शिक्षा विभाग की ओर से अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि स्थानीय जिला स्थापना समिति इन मामलों की सुनवाई करेगी। इस समिति की अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे, जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि वे शिक्षक जिन्हें च्वाइस ऑप्शन के रूप में दिए गए 10 विकल्पों में से कोई विकल्प आवंटित नहीं हुआ है, वे अब ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह सुविधा 10 जुलाई से उपलब्ध होगी।
शिक्षिकाओं के ट्रांसफर से जुड़ी व्यवहारिक समस्याएं जैसे पति-पत्नी एक स्थान पर, बच्चों की पढ़ाई आदि से संबंधित विषयों का समाधान भी अब यही समिति करेगी। इससे महिला शिक्षकों को भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
विभाग ने निर्देश दिया है कि पोस्टिंग और ट्रांसफर के समय शिक्षक और विद्यार्थियों के अनुपात, रिक्त पदों की संख्या और जिलेवार आवश्यकता को प्राथमिकता दी जाए। इसका उद्देश्य शैक्षणिक व्यवस्था को संतुलित और बेहतर बनाना है।
गौरतलब है कि उप विकास आयुक्त और डीपीओ (संपूर्ण शिक्षा) को इस समिति का सदस्य बनाया गया है। यह समिति शिक्षक ट्रांसफर मामलों का निष्पक्ष और त्वरित समाधान सुनिश्चित करेगी, जिससे राज्यभर के शिक्षकों को लाभ होगा।