शिकायतों पर भड़के एस. सिद्धार्थ, कहा इन सभी शिक्षकों को भेज दूंगा बॉर्डर क्षेत्र में
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने स्कूलों में पढ़ाई नहीं होने की शिकायत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लापरवाह शिक्षकों को बॉर्डर इलाकों में ट्रांसफर करने का आदेश दिया। बच्चों की पढ़ाई में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वैध मेडिकल अवकाश में वेतन कटौती को भी गलत बताया गया।
बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ एक बार फिर अपने सख्त रुख के कारण चर्चा में हैं। उनका हालिया बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि जो शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों में लापरवाही करेंगे, उन्हें बॉर्डर जिलों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इस बयान के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा के साथ किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक महिला द्वारा स्कूल में पढ़ाई न होने की शिकायत किए जाने पर उन्होंने तुरंत संज्ञान लिया और संबंधित शिक्षकों को बॉर्डर इलाके में भेजने का आदेश दिया। इस फैसले से उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा की गुणवत्ता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा।
कार्यक्रम ‘शिक्षा की बात हर शनिवार’ के दौरान एस. सिद्धार्थ ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत मिली थी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने तुरंत जांच के आदेश दिए। यदि किसी भी शिक्षक की लापरवाही सामने आती है, तो उन्हें न सिर्फ हटाया जाएगा बल्कि पटना जैसे बड़े शहर में रहने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जो शिक्षक स्कूल में सिर्फ समय काटने के लिए आते हैं, गपशप करते हैं और पढ़ाते नहीं हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि जांच में शिकायत सही पाई जाती है, तो ऐसे शिक्षकों को जिले से बाहर भेज दिया जाएगा ताकि अनुशासन बना रहे और शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो।
शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि वैध मेडिकल अवकाश के दौरान किसी भी शिक्षक का वेतन नहीं रोका जाएगा। गोपालगंज की एक शिक्षिका द्वारा शिकायत किए जाने पर एस. सिद्धार्थ ने इसे गंभीरता से लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी वैध छुट्टी में वेतन कटौती न हो। केवल ‘नो पे लीव’ की स्थिति में ही वेतन रोका जा सकता है।
पूर्णिया जिले के एक विद्यालय की अधूरी बिल्डिंग पर भी उन्होंने नाराज़गी जताई। विद्यालय के एक विज्ञान शिक्षक ने बताया कि पिछले पांच सालों से स्कूल की इमारत अधूरी है और लगभग 700 छात्रों को इससे परेशानी हो रही है। इस पर सिद्धार्थ ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है और सोमवार को कार्यपालक अभियंता को स्थल निरीक्षण के निर्देश दिए।