बिहार में स्कूल खुलते ही एससीईआरटी व्याख्याता करेंगे निरीक्षण, शिक्षा गुणवत्ता पर होगी रिपोर्टिंग

Aditya Raj August 28, 2025 09:55 PM IST

बिहार के सरकारी स्कूल 24 जून से खुलेंगे, जिनमें एससीईआरटी के व्याख्याता निरीक्षण करेंगे। शिक्षकों के प्रशिक्षण के प्रभाव और स्कूल के शैक्षणिक माहौल पर विशेष नजर रखी जाएगी। रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपी जाएगी।

  • बिहार में 24 जून से सभी सरकारी स्कूलों का संचालन पुनः शुरू होगा।
  • SCERT के व्याख्याता स्कूलों का निरीक्षण कर शैक्षणिक माहौल का मूल्यांकन करेंगे।
  • छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण लेने वाले शिक्षकों की कक्षा में पढ़ाने की शैली पर विशेष ध्यान रहेगा।
  • निरीक्षण रिपोर्ट SCERT व शिक्षा विभाग को सौंपी जाएगी।

पटना: बिहार में गर्मी की छुट्टियों के बाद 24 जून से सभी सरकारी स्कूल पुनः खुलने जा रहे हैं। स्कूल खुलते ही शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक माहौल की निगरानी के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है।

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राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के व्याख्याताओं को विशेष रूप से नामित किया गया है, जो स्कूलों का दौरा कर निरीक्षण करेंगे। ये व्याख्याता यह मूल्यांकन करेंगे कि हाल ही में प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक अपने ज्ञान और तकनीकों को बच्चों को पढ़ाने में किस तरह से उपयोग कर रहे हैं।

SCERT द्वारा शिक्षकों को DIET केंद्रों पर छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया गया था। इस प्रशिक्षण में शिक्षण विधियों के अलावा TLM (Teaching Learning Material) और FLN (Foundational Literacy & Numeracy) किट्स का प्रयोग सिखाया गया। निरीक्षण के दौरान इन सभी बिंदुओं की गहन समीक्षा की जाएगी।

निरीक्षण के अंतर्गत चेतना सत्र की गतिविधियां, समय-सारणी के अनुसार कक्षाएं, स्कूलों की भौतिक स्थिति जैसे भवन, साफ-सफाई, वेंच-डेस्क की उपलब्धता, प्रयोगशाला व पुस्तकालय की स्थिति और छात्रों की यूनिफॉर्म तक का मूल्यांकन किया जाएगा।

इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि स्कूलों में खेल सामग्री, FLN और TLM किट का प्रयोग हो रहा है या नहीं। बच्चों को नोटबुक

इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य राज्य में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना और शिक्षकों द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण का स्थल पर प्रभाव देखना है। शिक्षा विभाग इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की नीतियां तय करेगा ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।