राहुल गांधी के जन्मदिन पर कांग्रेस का तोहफा: बिहार में 25 हजार महिलाओं को मिलेंगे सेनेटरी पैड
राहुल गांधी के जन्मदिन पर बिहार महिला कांग्रेस द्वारा 25 हजार महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित किए जाएंगे। यह पहल महिलाओं को कपड़ा मुक्त और सम्मानजनक जीवन देने की दिशा में बड़ा कदम है। राज्य में सिर्फ 350 स्कूलों में ही सैनिटरी पैड उपलब्ध हैं। कांग्रेस के सर्वे में सामने आया कि 80% किशोरियों को सैनिटरी पैड नहीं मिलते।
- राहुल गांधी के जन्मदिन पर 25 हजार महिलाओं को मिलेंगे सेनेटरी पैड
- बिहार महिला कांग्रेस का कपड़ा मुक्त अभियान
- सिर्फ 350 स्कूलों में ही उपलब्ध हैं सेनेटरी पैड
- किशोरियों में 80% को नहीं मिलती है सेनेटरी सुविधा
पटना: लोकसभा सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के जन्मदिन के मौके पर बिहार महिला कांग्रेस ने एक खास पहल का ऐलान किया है। महिला कांग्रेस की ओर से राज्य की 25 हजार महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य महिलाओं को कपड़े से मुक्त करना और उन्हें स्वच्छता व सम्मान के साथ जीवन जीने में मदद करना है।
इस घोषणा की जानकारी बुधवार को सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी गई। इस मौके पर कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी दास, पूर्व विधायक अमिता भूषण और बिहार महिला कांग्रेस की प्रभारी प्रीति उपाध्याय उपस्थित रहीं। उन्होंने बताया कि यह पहल राहुल गांधी के सामाजिक सरोकारों से प्रेरित है।
महिला नेताओं ने बताया कि बिहार में 80 प्रतिशत किशोरियों को सेनेटरी पैड नहीं मिलते हैं, जिससे उन्हें मासिक धर्म के दौरान गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कांग्रेस के सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि अधिकांश किशोरियां अभी भी पुराने कपड़े या अस्वच्छ उपायों का प्रयोग करती हैं।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य के 40,000 स्कूलों में से केवल 350 स्कूलों में ही सेनेटरी पैड उपलब्ध हैं। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है और इससे साफ है कि किशोरियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है।
महिला कांग्रेस की यह योजना आने वाले समय में और अधिक विस्तार के साथ लागू की जाएगी। उनका लक्ष्य है कि हर लड़की और महिला को सुरक्षित और स्वच्छ मासिक धर्म की सुविधा दी जाए। इस वितरण अभियान से महिलाओं को शारीरिक स्वच्छता के साथ मानसिक राहत भी मिलेगी।
राहुल गांधी के जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाने की परंपरा को कांग्रेस लगातार आगे बढ़ा रही है। इस बार का यह प्रयास महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक सार्थक कदम माना जा रहा है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।