बिहार महागठबंधन में सीएम चेहरा तय, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा

Aditya Raj August 28, 2025 09:55 PM IST

बिहार में महागठबंधन के अंतर्गत तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा मानकर VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने '60 सीट फॉर्मूला' के साथ एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सीएम और डिप्टी सीएम को लेकर कोई विवाद नहीं।

  • मुकेश सहनी ने 60 सीटों पर लड़ने की पार्टी की आंतरिक मांग रखी।
  • महागठबंधन में तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद के चेहरे होंगे - कोई विवाद नहीं।
  • सीएम और डिप्टी सीएम की भूमिका पहले से तय, मीडिया को जल्द जानकारी मिलेगी।
  • 243 सीटों पर साझा रणनीति के तहत चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी।

पटना: बिहार की राजनीति में एक अहम घटनाक्रम के तहत विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने महागठबंधन के भीतर सीएम चेहरेतेजस्वी यादव को सभी दलों की सहमति से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है और इस पर किसी प्रकार का विवाद नहीं है।

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मुकेश सहनी ने राजधानी पटना में 'INDIA' गठबंधन की बैठक के बाद प्रेस से बात करते हुए कहा कि गठबंधन पूरी एकजुटता के साथ आगामी विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेगा। उन्होंने साफ किया कि विपक्षी दलों के बीच कोई भ्रम नहीं है और सभी एक ही लक्ष्य की दिशा में काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि VIP की आंतरिक मांग है कि पार्टी 60 सीटों पर चुनाव लड़े। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और सभी दल मिलकर सीटों का साझा बंटवारा करेंगे। कौन पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, यह जल्द ही औपचारिक रूप से घोषित किया जाएगा।

सीएम और डिप्टी सीएम पद को लेकर मुकेश सहनी ने कहा कि गठबंधन में यह विषय पहले ही तय है। हालांकि अभी मीडिया को इसकी औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन समय आने पर इसकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने बताया कि गठबंधन की सह समिति ने इस पर चर्चा की है और एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिस पर आधारित होकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

तेजस्वी यादव के अलावा किसी भी नेता ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी नहीं की है। सहनी ने कहा कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन का एकमात्र चेहरा होंगे और हम सब उनके नेतृत्व में बिहार में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

गठबंधन के इस रुख से स्पष्ट है कि बिहार में विपक्ष पूरी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। महागठबंधन की स्पष्टता और एकजुटता से आगामी चुनाव में सत्ता परिवर्तन की संभावनाएं तेज होती दिख रही हैं।