भागलपुर डीएम पर कार्रवाई की मांग तेज, इंजीनियरों ने नीतीश सरकार से की शिकायत

Aditya Raj June 28, 2025 12:15 AM IST

भागलपुर के डीएम नवल किशोर चौधरी के खिलाफ अभियंताओं ने अमर्यादित व्यवहार और हिरासत में लेने की धमकी का आरोप लगाया है। इंडेफ और बिहार अभियंत्रण सेवा संघ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में गहन जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि NH 133E में भूमि अधिग्रहण से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं को छिपाने का प्रयास हो रहा है।

  • भागलपुर के डीएम पर अभियंताओं ने अमर्यादित व्यवहार और धमकी देने का आरोप लगाया
  • इंडेफ और अभियंत्रण सेवा संघ ने नीतीश सरकार से विधिसम्मत कार्रवाई की मांग की
  • NH 133E भूमि अधिग्रहण मामले में वित्तीय अनियमितता का आरोप
  • तकनीकी विभागों का संचालन इंजीनियरों के हाथों में सौंपने की पुरानी मांग दोहराई गई

पटना। भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी एक नए विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। इंडेफ (पूर्वी प्रक्षेत्र) के सेक्रेटरी जनरल अंजनी कुमार ने डीएम पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने और विधिसम्मत कार्रवाई की मांग की है। उनके अनुसार, डीएम ने राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यपालक अभियंता के साथ अभद्र व्यवहार किया, मारपीट की धमकी दी और हिरासत में लेने की कोशिश की।

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इस घटना के सामने आने के बाद बिहार अभियंत्रण सेवा संघ ने भी गहरी नाराजगी व्यक्त की है। संघ ने भागलपुर की घटना को शर्मनाक बताते हुए सरकार से मांग की है कि जिलाधिकारी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। संघ ने यह भी कहा कि अगर ऐसे मामलों पर सख्त रुख नहीं अपनाया गया, तो इसका असर पूरे राज्य के विकास कार्यों पर पड़ेगा।

इंजीनियरों का आरोप है कि राज्य में तकनीकी परियोजनाओं में प्रशासनिक हस्तक्षेप के कारण कई विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। यह चिंता का विषय है, खासकर तब जब राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री स्वयं अभियंता रह चुके हैं। अभियंताओं का कहना है कि उन्हें प्रशासन से प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

एक और बड़ा आरोप यह है कि एनएच 133ई के भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों में वित्तीय अनियमितता और अराजकता को छुपाने के लिए डीएम और उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है। अभियंताओं ने दावा किया है कि इस तरह के मामलों में पारदर्शिता के अभाव से जनता का विश्वास प्रशासन से उठता जा रहा है।

इंजीनियरिंग संघ ने मांग की है कि भागलपुर के इस मामले की गहन जांच कराई जाए और इसमें शामिल सभी दोषी अधिकारियों को तत्काल स्थानांतरित करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। संघ का मानना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।

इंडेफ ने एक बार फिर से अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए कहा है कि तकनीकी विभागों का संचालन केवल तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने केंद्र एवं राज्य स्तर पर तकनीकी आयोग के गठन की भी मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं दोहराई न जा सकें और अभियंताओं को सुरक्षित कार्य वातावरण मिल सके।