तेजस्वी यादव के 'दामाद आयोग' तंज पर मांझी का पलटवार, लालू परिवार पर तीखा हमला
तेजस्वी यादव द्वारा 'नेशनल दामाद आयोग' को लेकर एआई वीडियो पोस्ट पर जीतन राम मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लालू परिवार पर मुसलमानों और दलितों के इस्तेमाल का आरोप लगाया और सिंगापुर से चुनाव लड़ने वाली रोहिणी पर भी निशाना साधा। सियासी बयानबाजी से बिहार की राजनीति गर्माई।
- तेजस्वी यादव ने NDA को बताया 'नेशनल दामाद आयोग'
- AI वीडियो पोस्ट कर किया सीधा तंज
- जीतन राम मांझी ने मुसलमान और दलितों के नाम पर लालू परिवार को घेरा
- सिंगापुर की रोहिणी आचार्य पर भी साधा निशाना
बिहार की सियासत एक बार फिर बयानबाजी से गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से एक एआई वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने एनडीए को "नेशनल दामाद आयोग" करार दिया। तेजस्वी ने कहा कि अगर आप किसी के जमाई हैं, तो बिहार राज्य दामाद आयोग में अप्लाई नहीं कर सकते क्योंकि इसका अधिकार कुछ खास लोगों तक ही सीमित है।
तेजस्वी यादव ने लिखा, "एनडीए (नेशनल दामाद आयोग) में आपका भी अभिनंदन नहीं है!" इस पोस्ट के बाद सियासी हलकों में हलचल मच गई। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल होने लगा और प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गईं।
तेजस्वी के इस तंज पर केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी ने करारा पलटवार किया। उन्होंने तेजस्वी के बयान को भ्रम फैलाने वाला बताया और कहा, "बदला लेंगे, बदल देंगे, तोड़ेंगे आपका घमंड।" मांझी ने सीधे लालू परिवार को कटघरे में खड़ा किया और उनके वोट बैंक की राजनीति पर सवाल उठाए।
मांझी ने आगे कहा, "वोट दें मुसलमान, राज करेंगे लालू यादव। वोट करें मुसलमान, नेता प्रतिपक्ष बनेंगे तेजस्वी यादव। वोट देंगे मुसलमान, राज्यसभा जाएंगी मीसा दीदी।" उन्होंने यह आरोप लगाया कि लालू परिवार मुसलमानों के सहारे सत्ता का सुख भोग रहा है।
जीतन राम मांझी ने लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य पर भी निशाना साधा, जो सिंगापुर में रहती हैं। उन्होंने लिखा, "विदेशों से आकर वोट करेंगे मुसलमान, सिंगापुर से आकर चुनाव लड़ेंगी रोहिणी आचार्य।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब मुसलमान और दलित उनकी दरी नहीं बिछाएंगे।
मांझी का यह पोस्ट सियासी गलियारे में भूचाल ला सकता है। उन्होंने सीधे-सीधे राबड़ी देवी, मीसा भारती, तेज प्रताप और रोहिणी जैसे लालू परिवार के नेताओं पर मुसलमानों और दलितों के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाया है। इस बयानबाजी से आगामी बिहार चुनाव में एक नई बहस छिड़ सकती है।