पटना हाईकोर्ट से नित्यानंद राय को बड़ी राहत, 2018 चुनावी भाषण मामले में कार्रवाई रद्द
पटना हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को बड़ी राहत दी है। 2018 में अररिया के नरपतगंज में दिए गए एक चुनावी भाषण को लेकर दर्ज प्राथमिकी पर अदालत ने निचली अदालत की कार्यवाही रद्द कर दी। कोर्ट ने यह निर्णय राय की क्वाशिंग याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। मामला धार्मिक विद्वेष फैलाने के आरोप से जुड़ा था।
- पटना हाईकोर्ट ने 2018 के भाषण मामले में नित्यानंद राय को राहत दी।
- नरपतगंज में दिए गए भाषण पर सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का आरोप था।
- चार्जशीट के आधार पर अररिया कोर्ट ने समन जारी किया था।
- हाईकोर्ट ने क्वाशिंग याचिका पर सुनवाई के बाद कार्रवाई को रद्द किया।
पटना: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ निचली अदालत में चल रही अदालती कार्यवाही को रद्द कर दिया है। यह फैसला न्यायाधीश चंद्रशेखर झा की एकल पीठ ने सुनाया, जो राय द्वारा दायर क्वाशिंग याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
यह मामला वर्ष 2018 से जुड़ा हुआ है, जब नरपतगंज (अररिया जिला) में एक चुनावी सभा के दौरान दिए गए भाषण को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। सभा में दिए गए भाषण को लेकर नरपतगंज के अंचलाधिकारी ने आरोप लगाया कि राय ने सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने की कोशिश की थी। इस आरोप पर नरपतगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
प्राथमिकी के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट के आधार पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM), अररिया ने 13 अप्रैल 2022 को संज्ञान लिया और नित्यानंद राय को समन जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद राय ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
राय के वकीलों ने अदालत में तर्क दिया कि उनके भाषण का आशय किसी भी तरह से धार्मिक विद्वेष फैलाना नहीं था, बल्कि उन्होंने विदेशी आतंकी संगठनों की बात को उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा कि यह बयान देश की आंतरिक सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में था और राजनीतिक संदर्भ में दिया गया था।
हाईकोर्ट ने याचिका पर विचार करते हुए पाया कि प्राथमिकी और चार्जशीट में दर्ज आरोप प्रथम दृष्टया राजनीतिक भाषण के दायरे में आते हैं और इसमें दोषसिद्धि की पर्याप्त संभावना नहीं है। इसी आधार पर अदालत ने निचली अदालत की कार्यवाही को रद्द कर दिया।
इस फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को बड़ी राहत मिली है और उनके खिलाफ जारी कानूनी प्रक्रिया पर विराम लग गया है। यह फैसला राजनीतिक हस्तियों के भाषणों को लेकर दर्ज मामलों में न्यायपालिका की संतुलित भूमिका को भी दर्शाता है।