बिहार में बनेंगे छह छोटे हवाईअड्डे, नीतीश कैबिनेट ने 20 प्रस्तावों पर लगाई मुहर

Aditya Raj August 28, 2025 09:58 PM IST

नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक में मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर सहित छह जिलों में छोटे हवाईअड्डे बनाने सहित कुल 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। जानिए बैठक के अन्य अहम फैसले।

  • बिहार के छह जिलों में छोटे हवाईअड्डों के निर्माण को मंजूरी
  • फाइव स्टार होटल के निर्माण के लिए PPP मॉडल पर काम शुरू
  • सेवानिवृत्त सैनिकों के अनुबंध की अवधि 2026 तक बढ़ी
  • कुल 20 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को नीतीश कैबिनेट की मंजूरी

पटना: बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के विकास से संबंधित कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में कुल 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जो विभिन्न विभागों और योजनाओं से जुड़े थे।

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बैठक का सबसे प्रमुख निर्णय बिहार के मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वीरपुर, वाल्मीकिनगर और सहरसा जिलों में छोटे हवाईअड्डों के निर्माण को लेकर लिया गया। यह निर्माण केंद्र सरकार की उड़ान योजना के अंतर्गत किया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में हवाई संपर्क सुलभ हो सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, नई दिल्ली के बीच समझौता हुआ है।

प्रत्येक हवाईअड्डे के निर्माण के लिए सरकार ने लगभग 150 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। यह कदम राज्य के कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलने की उम्मीद है।

इस बैठक में पटना के होटल पाटलिपुत्र अशोक के स्थान पर एक फाइव स्टार होटल के निर्माण को भी हरी झंडी दी गई। यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत संचालित होगा और इसका कार्य कुमार इंफ्रा रेड इंटरप्राइजेज को 60 वर्षों के लीज पर सौंपा गया है। इस लीज को आवश्यकता पड़ने पर 30 वर्षों तक और बढ़ाया जा सकेगा।

इसके अलावा, स्पेशल ऑक्जिलरी पुलिस में कार्यरत सेवानिवृत्त सैनिकों के अनुबंध को वर्ष 2025-2026 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। बिहार खेल अकादमी में नई भर्तियों को भी मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य में खेलों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

कैबिनेट बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत जटिल मामलों पर सलाह देने के लिए राजस्व परामर्शदात्री समिति के गठन को भी स्वीकृति दी गई। साथ ही शिक्षा विभाग के तहत पुस्तकालयाध्यक्ष, स्कूल परिचारी और परामर्शी पदों पर भर्ती को भी हरी झंडी दी गई है। ये फैसले शिक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहायक साबित होंगे।